केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले NCRB के मुताबिक, साल 2022 में उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 65743 मामले दर्ज हुए। यह देश के किसी भी राज्य की तुलना में सबसे अधिक है, साथ ही साल दर साल बढ़ा भी है। आंकड़ा यह भी बताता है कि 'पाताल से अपराधियों को खोज लाने' का दावा करने वाली सरकार 2021 तक लंबित सारे मामलों की जांच तक नहीं करा पाई। 2021 में यूपी में ऐसे 11732 केस की जांच पूरी नहीं हो पाई थी।
इसके अलावा यूपी में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 13097 ऐसे मामले थे, जो सही तो थे लेकिन उसे साबित करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य नहीं मिले। 2022 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 66936 ऐसे मामले रहे, जिन्हें पुलिस ने निपटा दिया। 10539 ऐसे मामले थे, जिनकी साल के अंत तक जांच पूरी नहीं हुई थी।
2022 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 50616 ऐसे मामले थे जिन्हें ट्रायल के लिए भेजा गया। 2021 के भी ट्रायल के 240921 मामले पेंडिंग है। इस तरह उत्तर प्रदेश में ट्रायल के लिए पेंडिंंग कुल 291537 मामले हैं। यूपी में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 421 ऐसे भी मामले रहे, जो ट्रायल के बिना ही खत्म कर दिए गए।
गैंगरेप में भी यूपी नंबर 1, रेप में राजस्थान के बाद दूसरे नंबर पर
बलात्कार के सबसे ज्यादा मामले राजस्थान और उसके बाद उत्तर प्रदेश में दर्ज हुए हैं। 2022 में राजस्थान में रेप के 5399 और उत्तर प्रदेश में 3690 मामले दर्ज हुए थे। रेप के बाद हत्या और गैंगरेप के मामले में यूपी नंबर वन है। वहां साल 2022 में इस तरह 92 मामले दर्ज हुए थे। इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर मध्य प्रदेश (41) और तीसरे नंबर पर महाराष्ट्र (22) है।
दहेज के लिए हत्या के मामले में भी उत्तर प्रदेश एक नंबर है। वहां इसके 2138 मामले दर्ज हुए हैं। इस लिस्ट में 1057 मामलों के साथ बिहार दूसरे नंबर पर और मध्य प्रदेश (518) तीसरे नंबर पर है । पति और रिश्तेदारों द्वारा महिलाओं के साथ मारपीट के मामले में भी उत्तर प्रदेश शीर्ष पर है। वहां एक साल में इस तरह के 20371 मामले दर्ज हुए थे। इस मामले में दूसरे नंबर पर पश्चिम बंगाल (19650) और तीसरे नंबर पर राजस्थान (18847) है।
महिलाओं के अपहरण के मामले में भी यूपी टॉप पर है। एक साल में 14887 मामले दर्ज किए गए हैं। दूसरे नंबर पर बिहार और तीसरे नंबर पर महाराष्ट्र है।
वही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार कहते रहते हैं कि उत्तर प्रदेश में अपराधियों की कोई जगह नहीं है , लेकिन उसके उलट उत्तर प्रदेश अपराध की मामले में पूरे देश में नंबर एक बना हुआ है ।