*सरयू नहर खंड 4 के द्वारा किए गए भ्रष्टाचार के मामले में सतर्कता आयोग (विजिलेंस) से जॉच कराए जाने की मांग*
*सरयू नहर खंड 4 में किए गए भ्रष्टाचार की मुख्य सचिव से शिकायत के बाद जांच शुरू*
बस्ती- बस्ती जनपद के तहसील भानपुर अंतर्गत ग्राम भगवान पुर निवासी लाल बिहारी पुत्र राम आसरे ने सरयू नहर में हुए भ्रष्टाचार और गबन की जांच सतर्कता आयोग से करने की मांग की मुख्य सचिव से की है ,पूर्वांचल विकास बोर्ड के सदस्य बौद्ध अरविंद सिंह पटेल ने इसके लिए मुख्य सचिव को पत्र लिखा है । लालबिहारी ने बताया कि उनके गांव में सरयू नहर की एक शाखा जा रही थी जिसका गजट सन 2000 में हुआ था। जिसमें कुछ काश्तकारों से नहर विभाग ने दिनांक-26.08.2000 को नहर की जमीन के अधिग्रहण हेतु अधिग्रहीत भूमि का बैनामा करवाया था। इसी दौरान गाँव की चकबन्दी का गजट हो गया था। उसके बाद बैनामा फार्म 23 के आधार पर करवाया गया था लेकिन ग्राम-भगवानपुर की चकबन्दी निरस्त कर दी गयी और अभिलेख पुनः तहसील में वापस कर दिये गये।
चकबन्दी निरस्त होने से चकदारो का चक निरस्त हो गया और मूल काश्तकार पुनः अपने चको पर कायम हो गये। सरयू नहर विभाग ने जिन नम्बरो का दस्तावेज बैनामा दिनांक 26.08.2000 को कराया था, चकबन्दी निरस्त होने पर पुनः उन्ही नम्बरो का दस्तावेज बैनामा दिनाक 16.12.2017 व 18.12.2017 को उसी भूमि का चार गुना दर से बैनामा कराया गया। बैनामा दिनाक 26.08.2000 के वजूद में रहते दिनांक 16.12.2017 व 18.12.2017 को पुनः बैनामा कराना व चार गुना धन देकर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया। उक्त बैनाने की कार्यवाही में अधिशाषी अभियन्ता राकेश कुमार गौतम, अवर अभियन्ता बलिकरन चौहान, तात्कालीन सींचपाल की आपसी सहमति व धोखा देकर भूमिधरो से अच्छी-खासी कमीशन की राशि लेकर पुनः भुगतान किया गया है। उक्त बैनामे की कार्यवाही धोखाधड़ी, सरकारी धन का दुरूपयोग का जब प्रार्थी ने विरोध किया तो उक्त लोग प्रार्थी को जान से मारने की धमकी व गाली-गलौच दिये जिसकी सूचना थाना स्थानीय पर दी गयी। कोई कार्यवाही नहीं हुई। न्यायालय में परिवाद दाखिल किया है। इस संबंध मे अनेको बार इसकी सूचना शासन प्रशासन को पत्र के माध्यम से दिया गया है जिसमे सिंचाई विभाग लखनऊ के जॉच अधिकारी भी अच्छा खासा धन लेकर मामले में निष्पक्ष जांच करने की बजाय जांच को बन्द कर दिया।थक हार कर उक्त प्रकरण में प्रार्थना पत्र मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन को दिया गया उक्त क्रम में मुख्य सचिव कार्यालय से जांच कराने के लिए जिलाधिकारी बस्ती को जांच सौंपी गई है । जिलाधिकारी बस्ती ने मुख्य राजस्व अधिकारी बस्ती संजीव ओझा को जॉच अधिकारी नामित करते हुए निष्पक्ष जांच करके रिपोर्ट देने के लिए निर्देशित किया है। मुख्य राजस्व अधिकारी बस्ती संजीव ओझा से जब बात हुई तो उन्होंने बताया कि शासन में शिकायत हुई थी जिसकी जांच की जा रही है। शिकायतकर्ता को बुलाकर उनका बयान ले लिया गया है उस संबंध में सभी साक्ष्य लिए गए हैं प्रकरण अत्यंत गंभीर है जिसके क्रम में जांच की जा रही है जांच रिपोर्ट जल्द शासन को भेज दी जाएगी ताकि जल्द कार्रवाई हो सके ।
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