हेलो डीएम बस्ती- अगर अधिकारी कमीशन नही ले रहे हैं तो 80 लाख की लागत से बहुद्देशीय बीज भंडार के निर्माण में भ्रष्टाचार क्यों - तहक़ीकात समाचार

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गुरुवार, 24 सितंबर 2020

हेलो डीएम बस्ती- अगर अधिकारी कमीशन नही ले रहे हैं तो 80 लाख की लागत से बहुद्देशीय बीज भंडार के निर्माण में भ्रष्टाचार क्यों

विश्वपति वर्मा(सौरभ)

बस्ती-किसानों को एक ही छत के नीचे प्रमाणित बीज के साथ ही खेती किसानी से संबंधित प्रशिक्षण उपलब्ध कहानी के उद्देश्य  बनाए जा रहे बहुद्देशीय बीज भंडार एवं प्रौद्योगिकी केंद्र के नाम पर जिम्मेदारों की आंखों के सामने गुणवक्ता विहीन भवन का निर्माण हो रहा है लेकिन भ्रष्टाचार मुक्त वाली सरकार में इतने बड़े भ्रष्टाचार पर कोई बोलने वाला नहीं है।

  69 लाख 24 हजार 979 रुपये  की लागत से  सल्टौआ ब्लॉक के प्रांगण में कृषि विभाग द्वारा बनवाया जा रहा है जिसमे घटिया किस्म के ईट के प्रयोग के साथ सारे मानकों को  दरकिनार कर भवन निर्माण का काम किया जा रहा है लेकिन कमीशन खोरी और हिस्सेदारी के प्रचलन के चलते जिम्मेदार जनों द्वारा घटिया निर्माण पर किसी भी प्रकार का कोई रोक टोक  होता नहीं दिखाई दे रहा है , जबकि फर्नीचर इत्याादि को लेकर इस केंद्र के निर्माण में ₹80 लाख खर्च होना है ।

 वह ईट जो भवन निर्माण में प्रयोग किया गया है

किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए कृषि विभाग द्वारा यह योजना संचालित किया जाना है जहां   राजकीय बीज भंडार से प्रमाणित बीज के साथ ही उर्वरक की बिक्री सहकारी समितियों व निजी विक्रेताओं से कराई जाती है। बीज खरीद पर अनुदान डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के जरिए बैंक खाते में भेजा जाता है इन सब की बेहतरीन जानकारी के लिए ही इस भवन का निर्माण हो रहा है । किसानों को एक हाल के नीचे इकट्ठा करने के साथ ही खेती से जुड़ी नई जानकारियां बांटने के लिए ब्लॉक स्तर पर बहुद्देशीय बीज भंडार एवं प्रौद्योगिकी केंद्र की स्थापना का फैसला लिया गया लेकिन भवन निर्माण के दौरान ही योजना दम तोड़ती हुई नजर आ रही ।

 आमतौर पर देखने को मिला है जनपद के अंदर कई सारे विभागों द्वारा भवन तैयार किया गया है लेकिन न तो वहां किसी प्रकार की बैठक की जाती है और ना ही उस भवन का कोई उद्देश्य आज तक दिखाई दिया ,ऐसे में सरकारी धन का दुरुपयोग साफ-साफ सामने दिखाई दे रहा है ऐसी स्थिति में जनपद के जिम्मेदार जनों पर एक बहुत बड़ा सवाल पैदा होता है क्या वह सरकारी धन का दुरुपयोग करने के लिए ही अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं या फिर जनता के हित के लिए काम करने के लिए वह अपने कर्तव्यों का पालन करेंगे।

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