प्रधानमंत्री, न्यायपालिका और मीडिया ने पुलवामा हमले और किसानों की हो रही मौत पर कितनी गहराई से जानने की कोशिश की - तहक़ीकात समाचार

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शुक्रवार, 25 सितंबर 2020

प्रधानमंत्री, न्यायपालिका और मीडिया ने पुलवामा हमले और किसानों की हो रही मौत पर कितनी गहराई से जानने की कोशिश की

विश्वपति वर्मा(सौरभ)

42480 किसानों ने एक साल के अंदर आत्महत्या किया है ,लेकिन भारतीय जनता पार्टी की सरकार और पीएम मोदी ने कभी इस बात के लिए जांच शुरू करवाने के लिए वकालत नही किया कि आखिर इतने बड़े पैमाने पर किसान आत्महत्या क्यों कर रहे हैं।
सुशांत सिंह की मौत से हमे भी अफसोस है लेकिन इस देश मे सुशांत सिंह का क्या योगदान रहा है कोई बताये? सुशांत सिंह का योगदान यही रहा है कि जब वह अलग अलग गर्लफ्रैंड के साथ स्विमिंग पूल से लेकर प्रकृति की वादियों में हसीनाओं के साथ फ़ोटो शूट करते थे तब देश के युवक और युवतियों को मनोरंजन का एक क्षण मिल जाता था।

लेकिन देश का प्रधानमंत्री और देश की न्यायपालिका और यहां तक कि देश की मीडिया ने यह जानने का प्रयास नही किया गया कि आखिर पुलवामा हमले में 44 जवानों को कैसे आरडीएक्स से उड़ा दिया गया , यह जानने की कोशिश नही की गई कि आखिर इस देश में 110 से ज्यादा किसान प्रतिदिन आत्महत्या करने के लिए क्यों मजबूर होते हैं, यह जानने की कोशिश नही की गई कि आखिर सरकारी योजनाएं क्यों दम तोड़ती नजर आ रही हैं, यह जानने की कोशिश नही की गई कि आखिर उन्ही के सरकार में भ्रष्टाचार क्यों बढ़ गया ,यह जानने की कोशिश नही की गई कि आखिर बेरोजगारी दर क्यों बढ़ता चला गया।

भारतीय जनता पार्टी की सरकार को इन सब मुद्दों से कोई मतलब नही है यह यह सरकार झूठ की बुनियाद पर खड़ी होकर हर रोज नए नए प्रयोग करने में लगी है उदाहरण स्वरूप एक प्रयोग आज भी है जहां किसानों का भारत बंद और नारकोटिक्स विभाग का दीपिका पादुकोण से पूछताछ होना है।

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