बस्ती- तस्वीर में कलीमुनिशा और फजिलुलरहमान हैं न तो इनके पास कम्प्यूटर ,लेपटॉप और स्मार्टफोन है और न ही इससे जुड़ी हुई जानकारी ।
सोशल मीडिया के पॉपुलर प्लेटफार्म फेसबुक और व्हाट्सएप का नाम इन लोगों ने तो सुना है लेकिन उसका प्रयोग कभी नही किया ,बैंकिंग सेक्टर के फोनपे ,गूगल पे ,paytm आदि का प्रयोग भी इन्होंने कभी नही किया , कम्प्यूटर की बेसिक जानकारी भी इन लोगों को नही है लेकिन देश की भ्रष्टाचार प्रणाली ने सरकारी धन को बंदरबांट करने की उद्देश्य से इन्हें प्रधानमंत्री डिजिटल साक्षरता मिशन का अभ्यर्थी बना दिया और दस्तवेजों में बता दिया गया कि तुम लोग कम्प्यूटर के मास्टर बन चुके हो ।
सवाल यह पैदा होता है कि जब इन्हें डिजिटल इंडिया के अभियान के बारे में कोई जानकारी नही है तो इन्हें इस प्रकार का सर्टिफिकेट कैसे दिया जा रहा है? क्या ये लोग अंतरिक्ष पर परचम लहराने के लिए जाएंगे या फिर पृथ्वी ग्रह पर उसके मूल उद्देश्य के लिए ईमानदारी से काम होगा?
यह खेल तो पूरे देश मे चल रहा है फिलहाल तस्वीर बस्ती जनपद के रामनगर ब्लॉक के आदमपुर गांव की है।