विश्वपति वर्मा (सौरभ)
लखनऊ- देश के सबसे बड़े और सियासी महत्व वाले प्रदेश में पंचायत चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई हैं। 2015 चुनाव के अनुसार दिसंबर में ये चुनाव हो जाने चाहिए थे, लेकिन कोरोना महामारी के कारण अब तक मतदान की तारीख तय नहीं हो सकी है लेकिन चुनाव आयोग ने तैयारी शुरू कर दी है।
उत्तर प्रदेश में 58,758 ग्राम पंचायतें, 821 क्षेत्र पंचायतें और 75 जिला पंचायतें हैं, जहां चुनाव होना है। मौजूदा सदस्यों का कार्यकाल 25 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। इससे पहले पांच साल पहले यानी 2015 में चुनाव हुए थे। तब चुनाव मतदान के पहला चरण 9 अक्टूबर को था और 9 दिसंबर को परिणाम घोषित हो गया था।
यूपी चुनाव आयोग ने मतदाता सूचियों की जांच का काम शुरू कर दिया है। 1 अक्टूबर से जारी इस अभियान में गैर जरूरी नाम हटाए जा रहे हैं, साथ ही नए नाम जोड़ने का काम भी जारी है। इस संबंध में अधिसूचना जारी की जा चुकी है। यह काम युद्ध स्तर पर चल रहा है, क्योंकि चुनाव आयोग को दिसंबर के आखिरी में फाइनल वोटर्स लिस्ट जारी करना है।
यूपी में त्रिस्तरीय चुनाव कराने में 2 माह का समय लगेगा इस लिए अनुमान लगाया जा रहा है कि चुनाव मई जून में कराये जाएंगे क्योंकि उससे पहले यूपी बोर्ड की परीक्षा भी सम्पन्न कराना है।
लेकिन जिस तरह से कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने का काम शुरू हो चुका है और चुनाव आयोग द्वारा जिलों में मत्रपत्र भेजने का काम शुरू किया गया है इससे जनवरी महीने में चुनाव कराने के लिए इनकार नहीं किया जा सकता है।