रविवार, 12 जनवरी 2020

जानिए भारत मे डॉट इन ,डॉट कॉम के अलावां कौन कौन सी हैं वेबसाइटें ,और जाने सरकारी डोमेन कोड

in भारत का इंटरनेट का शीर्ष-स्तर डोमेन (सी॰सी॰टी॰ऍल॰डी॰) देश कोड है। डोमेन का संचालन आईएनरजिस्ट्री द्वारा नेशनल इंटरनेट एक्साचेंज ऑफ इंडिया (NIXI) के प्राधिकरण के अन्तर्गत होता है। आइएनरजिस्ट्री को भारत सरकार द्वारा नियत किया गया।

वर्ष २००५ तक, .in डोमेन की उदारीकृत नीति के तहत, .in के द्वितीय स्तर के असीमित पंजीकरण किये जा सकते हैं। पहले से निर्धारित एवं उपलब्ध क्षेत्रों में भी असीमित पंजीकरण अनुमत हैं:
  • .in (सभी के लिए उपलब्ध; भारत में व्यक्तिगत, कंपनियों द्वारा और संगठनों द्वारा काम में लिया जाता है।)
  • .co.in (मूल रूप से बैंको, पंजीकृत कंपनियों और पंजीकृत व्यापार सामग्री के लिए)
  • .firm.in (मूल रूप से दुकानों, भागीदारी, सम्पर्क कार्यालयों, एकल स्वामित्व)
  • .net.in (मूल रूप से अन्तर्जाल सेवा प्रदाता के लिए)
  • .org.in (मूल रूप से लाभ-निरपेक्ष संस्थानों के लिए)
  • .gen.in (मुख्य रूप से सामान्य/विविध कार्यों के लिए)
  • .ind.in (व्यक्तिगत)
छः क्षेत्र को भारत में अर्हता प्राप्त संस्थानों के लिए आरक्षित रखा गया है:
  • .ac.in (अकादमीक संस्थान)
  • .edu.in (शैक्षिक संस्थान)
  • .res.in (भारतीय शोध संस्थान)
  • .ernet.in (पुराना, शिक्षण और शोध संस्थानों दोनों के लिए)
  • .gov.in (भारतीय सरकार)
  • .mil.in (भारतीय सेना)
पंजीकरण में छूट देने से पहले भारत में १९९२ से २००४ तक केवल ७००० नामों का ही .in डोमेन के साथ पंजीयन हुआ। मार्च २०१० के आँकड़ों के अनुसार, यह संख्या ६१०,००० डोमेन नामों से भी ऊपर पहुँच चुकी थी जिनमें से ६०% नाम भारत से थे बाकी नाम देश के बाहर से थे। अक्टूबर २०११ के आँकड़ों के अनुसार यह संख्या दस लाख से भी ऊपर पहुँच चुकी थी। यह डोमेन लघु-डोमेन के लिए लोकप्रिय है।
डोमेन .nic.in राष्ट्रीय सूचना एवं विज्ञान केन्द्रों के लिए आरक्षित है लेकिन वास्तविकता में अधिकतर भारतीय अभिकरणों के डोमेन का अन्त .nic.in पर होता है।



भारत अन्तर्राष्ट्रीयकृत डोमेन नाम आरम्भ करने की योजना बना रहा है जो भारत की सभी २२ स्थानीय भाषाओं में हों। ये अन्तर्राष्ट्रीयकृत डोमेन नाम भारत के सात नये शीर्ष डोमेनों के साथ प्रयुक्त किये जा सकेंगे।
ये शीर्ष डोमेन निम्नलिखित हैं:
  • .भारत (देवनागरी), निम्न क्षेत्रों में उपलब्ध होंगे
मूल देवनागरी कड़ियाँ
भारत
कंपनी.भारत
विद्या.भारत
सरकार.भारत

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