नोएडा
'दुनिया की हर खुशी तुझे दिलाऊंगा मैं, अपने भाई होने का फर्ज निभाऊंगा मैं'। अपनी बहन के लिए हर भाई की यही चाहत होती है। बहन भी भाई से ऐसी ही उम्मीद करती है। आज रक्षाबंधन है। बहनें अपने भाई को राखी बांधकर रक्षा का वचन लेती हैं। भाई भी इस वचन का मान रखते हुए हर मोड़ पर बहन का साथ देते हैं। शहर में कुछ ऐसे भाई हैं, जिन्होंने मुश्किल हालात में बहनों का हाथ नहीं छोड़ा। उन्हें सहारे की जरूरत पड़ी तो ढाल बनकर सामने खड़े हो गए।
'दुनिया की हर खुशी तुझे दिलाऊंगा मैं, अपने भाई होने का फर्ज निभाऊंगा मैं'। अपनी बहन के लिए हर भाई की यही चाहत होती है। बहन भी भाई से ऐसी ही उम्मीद करती है। आज रक्षाबंधन है। बहनें अपने भाई को राखी बांधकर रक्षा का वचन लेती हैं। भाई भी इस वचन का मान रखते हुए हर मोड़ पर बहन का साथ देते हैं। शहर में कुछ ऐसे भाई हैं, जिन्होंने मुश्किल हालात में बहनों का हाथ नहीं छोड़ा। उन्हें सहारे की जरूरत पड़ी तो ढाल बनकर सामने खड़े हो गए।
भाई ने दी जिंदगी
बहनें अपने भाई को रक्षासूत्र बांधने के साथ वक्त आने पर उनकी रक्षा भी करती हैं। सेक्टर-62 के फोर्टिस अस्पताल में पिछले साल ऐसा ही एक मामला सामने आया था। प्रतापगढ़ के रहने वाले राजेश कुमार की दोनों किडनी फेल हो गई थीं। उनकी हालत लगातार खराब हो रही थी। ऐसे में राजेश की बहन पूनम श्रीवास्तव ने उन्हें एक किडनी दी। राजेश का कहना है कि इसके लिए मैं हमेशा अपनी बहन का आभारी रहूंगा। हर साल रक्षाबंधन पर मैं बहन से जरूर मिलता हूं।सृजन के साथ मायशा का रक्षाबंधन
सेक्टर-61 के सल्तनत खान की 14 साल की बेटी मायशा के दो भाई हैं। अफराज और सृजन त्यागी। अफराज मायशा के सगे भाई हैं और सृजन से उनका राखी का रिश्ता है। यह नाता धर्म के बंधनों से परे है। मायशा अफराज के साथ-साथ हर साल सृजन को भी राखी बांधती हैं। यह सिलसिला स्कूल में राखी बांधने से शुरू हुआ। इसके बाद मायशा के मन में इस त्योहार को मनाने की इच्छा जागी। सृजन मायशा के साथ ही डीपीएस में पढ़ते हैं।