कुलदीप चौधरी
बस्ती-अधिकारियों की निरंकुशता के चलते आम जनता से लेकर के खास लोगों को भी छोटी-छोटी समस्याओं के समाधान के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है यही कारण है कि आम जनता का प्रशासन के रवैये पर सवाल खड़ा होने लगता है।
ताजा मामला बस्ती जनपद के सल्टौआ विकासखंड के अमरौली शुमाली ग्राम पंचायत का है जहां पर ग्राम पंचायत के शिकायतकर्ता सौरभ वीपी वर्मा ने जिलाधिकारी बस्ती रवीश गुप्ता को शिकायती प्रार्थना पत्र देते हुए बताया था कि ग्राम पंचायत अमरौली शुमाली में प्रधान और सचिव के मिलीभगत से राज्य वित्त एवं केंद्रीय वित्त के पैसे को प्रधान और प्रधान के रिश्तेदार के खाते में भुगतान कर उसका बंदरबांट कर लिया गया है वहीं ग्राम पंचायत में एक पुरानी नाली के मरम्मत के नाम पर पैसे का गोलमाल किया गया है।
शिकायतकर्ता के प्रार्थनापत्र को संज्ञान में लेने के बाद जिलाधिकारी रवीश गुप्ता ने मामले की जांच जिला पंचायत राजअधिकारी बस्ती रतन कुमार को सौंपते हुए जांचोपरांत आवश्यक कार्यवाही करने का निर्देश दिया । शिकायतकर्ता ने कहा कि जांच की प्रगति जानने के लिए उनके द्वारा डीपीआरओ को प्राप्त सीयूजी नंबर पर पिछले दस दिन में करीब दस बार फोन लगाया गया लेकिन डीपीआरओ द्वारा फोन का जवाब नही दिया गया , शिकायतकर्ता का आरोप है कि 22 सितंबर को शिकायत मिलने के बाद डीपीआरओ रतन कुमार द्वारा मामले की गंभीरता न लेकर उसको दबाने का प्रयास किया जा रहा है जबकि उसी विभाग के अधिकारी होने की वजह से उन्हें भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए ठोस कदम उठाना चाहिए लेकिन उनके द्वारा मामले में की जा रही शिथिलता यह दर्शाता है कि डीपीआरओ द्वारा भ्रष्टाचार में शामिल लोगों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है एवं भ्रष्टाचार में शामिल लोगों के साम्राज्य को बचाये रखने के लिए उनका संरक्षण किया जा रहा है।