बस्ती- सरकार वंचित तबके के सभी लोगों को भोजन ,पानी ,आवास की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए लगातार काम कर रही है लेकिन स्थानीय स्तर पर व्याप्त समस्याओं और लोगों की निरंकुशता की वजह से सरकार की दावे गलत साबित हो रहे हैं ।
सल्टौआ विकास खंड के चौकवा ग्राम पंचायत निवासी जसवंत यादव अपनी पत्नी और तीन बच्चों को लेकर किराए के एक कमरे के मकान में रहते थे जहां वह चाय की छोटी मोटी दुकान भी चलाते थे , इस दौरान आवास की आस लिये जसवंत ग्राम सचिवालय से लेकर ब्लॉक कार्यालय का खूब चक्कर लगाए लेकिन कुछ कारणों बस उन्हें आवास नही मिल पाया और बीते वर्ष जसवंत की मौत भी हो गई।
अब जसवंत की पत्नी अपने 3 बच्चों को लेकर उसी किराए के मकान में रहने को मजबूर है जहां चाय की दुकान से जीविकोपार्जन तक का आय नही हो पाता । मृतक जसवंत की पत्नी सुशीला उम्मीद लगाए बैठी है कि सरकार द्वारा चलाये जा रहे प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री आवास का लाभ उसे मिल जाये और उसके बच्चों की सिर पर भी छत हो जाये । लेकिन देखना यह होगा कि जिले के जिम्मेदार लोगों की आंखे कब खुलेंगी और कब योजना का लाभ सुशीला को मिल पायेगा।