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मंगलवार, 20 दिसंबर 2022

अपना हक मांगते मांगते यशंवत यादव ने तोड़ा दम , पत्नी और बच्चों के सामने छाया अंधेरा

सौरभ वीपी वर्मा 

बस्ती- सरकारी सिस्टम की लापरवाही और जिम्मेदार लोगों की निरंकुशता की वजह से आज एक परिवार के जिंदगी में ऐसा भूचाल आ गया कि सुशीला और उसके चार बच्चों के सामने चारो तरफ से अंधेरा छा गया है । 
मामला बस्ती जनपद के सल्टौआ विकास खंड के चौकवा ग्राम पंचायत की है जहां यशवंत यादव अपने पत्नी तीन बेटियां और 1 बेटे के साथ हंसी खुशी रह रहे थे लेकिन वर्ष 2020 में तेज बारिश की वजह से उनका खपरैल का मकान पूरी तरह से जमींजोद हो गया , यशवंत यादव सरकार की तरफ से मिलने वाली मदद के लिए खूब कागज पत्र दौड़ाए , लेखपाल ,कानूगो , तहसीलदार समेत कई जिम्मेदार लोगों के दफ्तर का चक्कर काटते रहे लेकिन उन्हें किसी प्रकार का लाभ नही मिल पाया । थक हार का यशवंत ब्लॉक के शरण में पहुंच गए और आवास के लिए प्रार्थना पत्र दिया ,काफी दौड़ भाग के बाद  यसवंत को आवास योजना का लाभ नही मिल पाया और यशवंत ने जुलाई 2022 में दम तोड़ दिया ।

किराए के एक कमरे के मकान में रह रही है पत्नी सुशीला और चार बच्चे 

पति के मौत के बाद पत्नी सुशीला और चार बच्चों के सामने बहुत बड़ा संकट खड़ा हो गया है ,इस समय सुशीला के पास अपना मकान नही है वह गोरखर चौराहे पर एक किराए के कमरे में रह रही हैं ,उसी कमरे में यशवंत चाय की एक छोटी दुकान चलाते थे अब उसी कमरे मे रहना खाना और चार बच्चों का परवरिश सुशीला कर रही हैं ।

सुशीला से बात करने के बाद उन्होंने कहा कि हमारे पति 3-4 साल से आवास और शौचालय योजना के लिए दौड़ भाग कर रहे थे और हर बार जब दफ्तर से लौट कर आते थे तब यही कहते थे कि अब अपना आवास हो जाएगा लेकिन उन्होंने हम लोगों का साथ छोड़ दिया लेकिन अभी तक सरकारी योजना का लाभ नही मिल पाया।

इस मामले की जानकारी हमारे द्वारा उपजिलाधिकारी गिरीश झा को दी गई उन्होंने फौरी तौर पर आवास ,राशन कार्ड और विधवा पेंशन दिलवाने की बात कही है ।

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