सिद्धार्थनगर - भ्रष्टाचार के दलदल में डूबकर रह गया स्वच्छ भारत मिशन का अभियान
समीक्षात्मक रिपोर्ट:-
राकेश कुमार चौधरी
सिद्धार्थनगर- जहां देश और प्रदेश की सरकारें स्वच्छ भारत मिशन को लेकर यह दावा करती हैं कि देश में स्वच्छ भारत मिशन के तहत संपूर्ण भारत खुले में शौच से मुक्त हो चुकी है वहीं धरातल की सच्चाई हकीकत से कोसों दूर है।
सिद्धार्थनगर जनपद के मिठवल विकास खंड के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत के राजस्व ग्राम रमवापुर तथा बनगवा में तकरीबन 225 से अधिक परिवार निवास करते हैं। जिसमे लगभग 2000 से अधिक लोगों की आबादी है। लेकिन यदि शौचालय की बात करें तो दोनों गांव में मात्र 60 परिवारों में ही शौचालय की व्यवस्था है।
जरा सोचिए कि इस ग्राम पंचायत के 70% से अधिक परिवार अभी भी स्वच्छ भारत मिशन से कोसों दूर है ,जो भी अन्य शौचालय सरकार द्वारा उपलब्ध कराया गया वह बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है जिसमे आज तक न तो दरवाजे लग पाए और न ही वह उपयोग लायक बन पाया।
हमारे संवाददाता ने जमीनी स्तर पर पड़ताल किया तो पाया कि अधिकतर शौचालय जो सरकार के द्वारा बनवाया गया था वह ग्राम प्रधान और अधिकारियों की मिलीभगत से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। पड़ताल करने पर गांव के कई लोगों ने यह बताया कि कुछ शौचालय जो ग्राम प्रधान के द्वारा निर्माण कराया गया था उसमें अधिकतर जगहों पर या तो दरवाजा नहीं है या फिर सीट नहीं लगाई गई अथवा छत नहीं है या फिर बिना गड्ढे का शौचालय बना करके सिर्फ खानापूर्ति कर दिया गया। और सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए धन का बंदरबांट कर दिया गया।
इसी प्रकार जनपद के कई ग्राम पंचायतों में स्वच्छता के नाम पर भद्दा मजाक किया गया है जहां शौचालय के नाम पर लाभार्थियों को महज दस्तावेजों में खुले में शौच से मुक्त होने की बात कही गई है। हम आपको अगली कड़ी में दूसरे ग्राम पंचायत में स्वच्छ भारत मिशन की प्रगति के बारे में बताएंगे।
लेबल: उत्तर प्रदेश
<< मुख्यपृष्ठ