मंगलवार, 9 फ़रवरी 2021

तो इस तरह से लागू होगा पंचायत चुनाव में आरक्षण ,अप्रैल में पंचायत चुनाव कराने की तैयारी

लखनऊ
उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर तैयारियां जोरो पर हैं। इस बार अरक्षण प्रक्रिया के चलते पंचायत चुनावों में देरी हुई है। हाई कोर्ट ने भी सरकार को निर्धारित समय में चुनाव कराने का निर्देश दिया है। पंचायत चुनाव में आरक्षण के पेच पर प्रदेश के पंचायतीराज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कहा है कि चुनावों के लिए आरक्षण नीति इस हफ्ते जारी कर दी जाएगी। इसके अलावा उन्होंने 17 मार्च तक चुनावी प्रक्रिया पूरी करने और अप्रैल में पंचायत चुनाव कराने की बात कही है।

यूपी में इस बार पंचायत चुनाव अप्रैल में होंगे। जल्द ही राज्य सरकार पंचायतों में आरक्षण का काम शुरू करेगी, जिसे 17 अप्रैल तक पूरा कर लिया जाएगा। इस बारे में अगले हफ्ते तक पंचायती राज विभाग शासनादेश जारी कर सकता है। आरक्षण प्रक्रिया पूरी करने के बाद मार्च में चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी जाएगी और अप्रैल तक चुनाव करवा लिए जाएंगे।

परिसीमन का काम हुआ पूरा
लोकभवन में पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी ने पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि परिसीमन का कार्य पूरा कर लिया गया है। अब आरक्षण का कार्य पूरा करके समय से चुनाव करवाया जाएगा। पंचायतों में आरक्षण का निर्धारण चक्रानुक्रम फॉर्म्युले के अनुसार ही होगा। सीएम योगी आरक्षण के फॉर्म्युले को जल्द मंजूरी देंगे। इसके बाद आरक्षण निर्धारण की प्रक्रिया मार्च में पूरी कर ली जाएगी।

...तो यह फॉर्म्युला अपनाया जाएगा

चक्रानुक्रम में पिछले चुनाव में जिस वर्ग के लिए सीट आरक्षित थी, इस बार उस वर्ग में आरक्षित नहीं होगी। पांच चुनावों में अनुसूचित वर्ग के लिए आरक्षित नहीं रहे क्षेत्र और जिला पंचायतों को इस बार आरक्षित किया जाएगा। पंचायत चुनाव में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था है, जिसे वरीयता क्रम के अनुसार लागू किया जाता है। इसका अर्थ यह है कि पहला नंबर अनुसूचित जाति वर्ग की महिला का होगा। अनुसूचित वर्ग की कुल आरक्षित 21 प्रतिशत सीटों में से एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। इसी तरह पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित 27 प्रतिशत सीटों में भी पहली वरीयता महिलाओं को दी जाएगी।

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