देश की अर्थव्यवस्था को लेकर देश में छिड़ी बहस के बीच सरकार की ओर से संसद में दिया गया एक आंकड़ा खुद उसको सवालों के घेरे में खड़ा कर सकता है. सरकार की ओर से बताया गया है कि साल 2014 से लेकर अब तक 114 कंपनियां या उनकी ईकाइयां बंद हो चुकी हैं और इनमें काम करने वाले 16 हजार लोग प्रभावित हुए हैं. ये इकाइयां क्यों बंद हुई हैं इसके अलग-अलग वजहों का की जवाब में उल्लेख किया गया है. दिलचस्प बात यह है कि यह आंकड़ा 2014 से अब तक मोदी सरकार के कार्यकाल का है।
दरअसल लोकसभा में बीएसपी सांसद दानिश अली की ओर से चार सवाल पूछे गए थे कि क्या ये सच है कि बीते पांच साल में बड़ी संख्या में कंपनियां बंद हुई हैं? इसका कारण और ब्यौरा? कंपनियां बंद होने पर बेरोजगारों की संख्या कितनी है? और सरकार की ओर से उनकी अजीविका के लिए क्या कदम उठाए गए हैं? इन सवालों पर श्रम और रोजगार राज्य मंत्री संतोष गंगवार की ओर से जवाब दिया गया है. अजीविका वाले सवाल पर उन्होंने संतोष गंगवार ने जवाब दिया गया है कि सरकार की ओर से ऐसे प्रभावित कामगारों की मदद के लिए कई योजनाएं चला रही है. गंगवार की ओर से कहा गया कि 'औद्योगिक विवाद अधिनियम-1947' के तहत उनको परामर्श दिया जाता है और साथ ही उनको कौशल विकास पर ध्यान दिया जा रहा है.
दरअसल लोकसभा में बीएसपी सांसद दानिश अली की ओर से चार सवाल पूछे गए थे कि क्या ये सच है कि बीते पांच साल में बड़ी संख्या में कंपनियां बंद हुई हैं? इसका कारण और ब्यौरा? कंपनियां बंद होने पर बेरोजगारों की संख्या कितनी है? और सरकार की ओर से उनकी अजीविका के लिए क्या कदम उठाए गए हैं? इन सवालों पर श्रम और रोजगार राज्य मंत्री संतोष गंगवार की ओर से जवाब दिया गया है. अजीविका वाले सवाल पर उन्होंने संतोष गंगवार ने जवाब दिया गया है कि सरकार की ओर से ऐसे प्रभावित कामगारों की मदद के लिए कई योजनाएं चला रही है. गंगवार की ओर से कहा गया कि 'औद्योगिक विवाद अधिनियम-1947' के तहत उनको परामर्श दिया जाता है और साथ ही उनको कौशल विकास पर ध्यान दिया जा रहा है.