रोडवेज के जिम्मेदारों की "गलती" और बस्ती के ड्राइवर की "झपकी" से उजड़ गए 29 परिवार - तहक़ीकात समाचार

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मंगलवार, 9 जुलाई 2019

रोडवेज के जिम्मेदारों की "गलती" और बस्ती के ड्राइवर की "झपकी" से उजड़ गए 29 परिवार

विश्वपति वर्मा_
   लखनऊ

 सोमवार को एक्सप्रेस-वे पर हुई रोड़वेज बस की दुर्घटना की जानकारी मिली तो हर जगह हाहाकार मच गया वंही यात्रियों के परिजनों को जानकारी मिली तो हर घर मे कोहराम मच। बस में ड्राइवर कंडक्टर के साथ 52 लोग सवार थे। परिवहन निगम के अधिकारियों ने बताया कि इस दुर्घटना में 29 लोगों की मौत हो गई जबकि 23 लोग गंभीर रूप से घायल हैं।सभी घायलों का इलाज आगरा के निजी नर्सिंग होम में चल रहा है।

रोड़वेज के जिम्मेदार रुट न बदलते तो बच जाती जान

जानकारी के अनुसार रात दस बजे इस बस को आलमबाग से पैसेंजर्स को लेकर गाजीपुर जाना था। दस बजे तक बस में गाजीपुर के लिए मात्र दो पैसेंजर्स ही मिले जबकि दिल्ली के लिए बड़ी संख्या में पैसेंजर्स यहां बस का इंतजार कर रहे थे। ऐसे में अधिकारियों ने बस ड्राइवर को गाजीपुर की जगह दिल्ली जाने का आदेश दिया। तीन दिन बाद छुट्टी से लौटा ड्राइवर सवा दस बजे दिल्ली के लिए रवाना हो गया।

ड्राइवर ने कहा रुट की जानकारी नही

अधिकारियों के अनुसार इस बस का रूटीन ड्राइवर विपिन कुमार छुट्टी पर था इसलिए कृपा शंकर चौधरी को बस को लेकर भेजा गया। गाजीपुर रूट पर चलने वाले इस बस ड्राइवर को दिल्ली के रास्तों की सही जानकारी नहीं थी। इस एक्सीडेंट से पहले कृपा शंकर चौधरी के नाम कोई एक्सीडेंट नहीं दर्ज है। ड्राइविंग के समय कृपा शंकर ना नशे में थे और ना ही वह मोबाइल पर बात कर रहे थे। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि सुबह तड़के साढ़े चार से पांच के बीच ड्राइवर को झपकी आई और इसी दौरान बस अनियंत्रित होकर एत्मादपुर के निकट रोड साइड रेलिंग तोड़ते हुए झरना नाले में जा गिरी।

नियमों से खेल रहे अफसर

रोडवेज के अधिकारी कमाई के चलते ड्राइवर्स और कंडक्टर्स की डयूटी से खिलवाड़ कर रहे हैं। नियमानुसार 400 किमी से अधिक का सफर होने पर बस में दो चालक भेजे जाएंगे। ऐसे में दिल्ली जाने वाली सभी बसों में सभी बसों में दो ड्राइवर्स भेजे जाने चाहिए लेकिन अधिकारी एक ड्राइवर के भरोसे ही दिल्ली के लिए बसें रवाना कर देते हैं। जबकि लखनऊ से दिल्ली की दूरी तकरीबन 600 किमी है।

रोडवेज में नियमों को देखें तो  रेग्यूलर ड्राइवर्स और कंडक्टर्स को रोजाना आठ घंटे बस संचालन के साथ महीने में केवल 25 दिन ड्यूटी करनी होती है यदि ड्राइवर चाहे तो 12 घण्टा आराम करने के बाद फिर से ड्यूटी ज्वाइन कर सकता है वंही संविदा ड्राइवर्स और कंडक्टर्स को हर माह तय किलोमीटर और 22 दिन की ड्यूटी पर फिक्स वेतन देने का नियम है साथ ही  संविदा ड्राइवर्स को 22 दिन की ड्यूटी में 5000 किलोमीटर का सफर तय करना होता है वंही संविदा कंडक्टर को 24 दिन की ड्यूटी में 6000 किलोमीटर का सफर पूरा करना होता है।

बसों की फिटनेस का नियम

रोडवेज की बसों में दो तरह से फिटनेस की जाती है। आरटीओ कार्यालय के यातायात पथ निरीक्षक सर्वेश चतुर्वेदी के अनुसार नए वाहनों का शुरूआत में दो वर्ष बाद फिटनेस परखी जाती है। इसके बाद हर साल फिटनेस कराना अनिवार्य होता है। फिटनेस के लिए आने वाली बसों में ब्रेक, हेडलाइट, रेफ्रो रिफ्लेक्टर टेप, वाइपर, फ्यूल टैंक के साथ ही बस की बॉडी की जांच की जाती है। जिस जनरथ बस का एक्सीडेंट हुआ वह दो साल पुरानी हो चुकी थी। बीते एक अप्रैल को ही इस बस को फिटनेस दी गई थी और 31 मार्च 2021 तक यह फिटनेस वैध थी।

बस्ती जनपद के रुधौली नगरपंचायत का रहने वाला था ड्राइवर

जिस बस का एक्सीडेंट हुआ उसको कृपा शंकर चौधरी चला रहे थे  कृपा शंकर बस्ती जिले के ग्राम गिधार, पोस्ट भितेहरा के रहने वाले थे ,50 वर्षीय मृतक ड्राइवर को 2005 में रोडवेज मे रेग्यूलर ड्राइवर के रूप में नौकरी मिली थी।इनकी पत्नी सुशीला देवी लक्ष्मी देवी इंटर कालेज में प्रधानाचार्य हैं परिवार में 20 वर्षीय बेटा संतोष एवं 19 वर्षीय एक बेटी पूजा है।

मृतक आश्रितों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये यात्री राहत कोष से दिया जाएगा। बस में सफर करने वाले पैसेंजर्स को वयस्क टिकट धारी को पांच लाख और आधा टिकट धारक बच्चा यात्री को ढाई लाख रुपये यात्री राहत योजना से दिया जाएगा। वहीं गंभीर रूप से घायलों को ढाई लाख रुपए दिए जाएंगे।

राजेश वर्मा
मुख्य प्रधान प्रबंधक संचालन

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