बहादुर शाह ज़फ़र की 251वीं जयंती पर प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा गया

तहकीकात समाचार

शोहरतगढ़- 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के महानायक और भारत के अंतिम मुगल सम्राट बहादुर शाह ज़फ़र की 251वीं जयंती के अवसर पर शुक्रवार 24 अक्टूबर को तहसील परिसर शोहरतगढ़ में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मौलाना अब्दुल कय्यूम रहमानी फाउंडेशन के अध्यक्ष बदरे आलम की अगुवाई में भारी संख्या में लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित ज्ञापन उप जिलाधिकारी शोहरतगढ़ को सौंपा।
ज्ञापन में मांग की गई कि बहादुर शाह ज़फ़र की अंतिम इच्छा के अनुरूप उनके पार्थिव अवशेषों को म्यांमार (यंगून) से सम्मानपूर्वक भारत लाकर दिल्ली में भव्य राष्ट्रीय स्मारक बनाया जाए। साथ ही लाल किला परिसर में बहादुर शाह ज़फ़र की भव्य प्रतिमा स्थापित की जाए और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन का नाम उनके नाम पर रखा जाए।

ज्ञापन में यह भी कहा गया कि बहादुर शाह ज़फ़र के त्याग और बलिदान को स्कूलों की पाठ्य पुस्तकों में शामिल किया जाए, ताकि नई पीढ़ी आज़ादी के इतिहास को सच्चाई से समझ सके।

बदरे आलम ने कहा कि देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी, डॉ. मनमोहन सिंह और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति म्यांमार जाकर बहादुर शाह ज़फ़र की मजार पर श्रद्धांजलि अर्पित कर चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपनी म्यांमार यात्रा के दौरान इस महान सेनानी को नमन किया था।

उन्होंने बताया कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने 1943 में बहादुर शाह ज़फ़र की मजार पर पहुंचकर वहां की सरकार को पचास हजार रुपये दान दिए थे और वहीं से “दिल्ली चलो” का ऐतिहासिक नारा दिया था।

इस अवसर पर बदरे आलम ने 1857 के क्रांतिकारी सम्राट बहादुर शाह ज़फ़र पर आधारित एक पुस्तक उप जिलाधिकारी को भेंट की।

कार्यक्रम में कांग्रेस पार्टी के जिलाध्यक्ष क़ाज़ी सुहैल अहमद, वरिष्ठ समाजसेवी कैलाश नाथ बाजपेयी, दीपक यदुवंशी, अतहर अलीम, राममिलन भारती, दीपक राजभर, श्यामलाल शर्मा, हरिराम यादव, अनिरुद्ध पाठक, मोहम्मद असलम, सनाउल्लाह, अकबर, हाफ़िज एजाज अहमद, सबरे आलम, तारिक शानी सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
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