स्वतंत्रता दिवस यानी 15 अगस्त हमारे देश का वो दिन है जब हम 1947 में अंग्रेज़ी हुकूमत से आज़ाद हुए।
ये सिर्फ़ एक तारीख़ नहीं, बल्कि उस संघर्ष, बलिदान और सपनों की याद है जिसके लिए हज़ारों-लाखों लोगों ने अपनी जान न्योछावर की।
इस दिन का महत्व तीन परतों में महसूस होता है:
- इतिहास की परत – जहाँ भगत सिंह, नेताजी सुभाष, महात्मा गांधी, सरदार पटेल जैसे अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों की कहानियाँ बसी हैं।
- वर्तमान की परत – जहाँ तिरंगे की शान के साथ हम अपने लोकतंत्र, अधिकारों और ज़िम्मेदारियों को महसूस करते हैं।
- भविष्य की परत – जहाँ सवाल है कि क्या हम उस आज़ादी को सही मायनों में बचा और बढ़ा पा रहे हैं।
आज हम आसमान में उड़ते तिरंगे को देखकर गर्व करते हैं, लेकिन ये गर्व तभी सच्चा होगा जब हम भ्रष्टाचार, बेरोज़गारी, असमानता और अन्याय से भी आज़ादी हासिल करें।
क्योंकि देश की आज़ादी सिर्फ़ सीमाओं की रक्षा नहीं, बल्कि हर नागरिक के जीवन में सम्मान, सुरक्षा और समान अवसर सुनिश्चित करना है।