सौरभ वीपी वर्मा
बस्ती- अधिकारियों की निरंकुशता और उनके संबंधित कर्मचारियों के भ्रष्टाचार के चलते योगी आदित्यनाथ के जीरो टॉलरेंस वाली सरकार में ग्रामीणों द्वारा जनहित के मुद्दे पर की गई शिकायतों पर न्याय का स्तर भी जीरो पहुंच गया है।
ताजा मामला बस्ती जनपद के भानपुर तहसील क्षेत्र के पोखरभिटवा ग्राम पंचायत का है जहां पर शिकायतकर्ता राम गुलाम ने बताया कि उन्होंने तहसीलदार भानपुर को लिखित शिकायती प्रार्थनापत्र दिया था जिसमें उनके द्वारा बताया गया था कि ग्राम समाज के पशुचर की जमीन पर गाटा संख्या 258 में 0.343 हेक्टेयर जमीन पर गांव के कुछ लोगों द्वारा अवैध रूप से कब्जा कर सरहद को छतिग्रस्त करते हुए उक्त जमीन पर पक्का निर्माण किया जा रहा है ।
मौके पर पहुंचे हल्का लेखपाल
शिकायतकर्ता ने बताया कि उनके शिकायत करने के बाद उपरोक्त जमीन पर निर्माण कार्य चलता रहा और किसी प्रकार की कोई कार्यवाई नही हुई । शिकायतकर्ता ने बताया कि उसके बाद उन्होंने जिलाधिकारी बस्ती को प्रार्थनापत्र देकर पूरे मामले की शिकायत किया उसके बाद गांव के लेखपाल द्वारा मौके पर पहुंच कर उक्त निर्माणाधीन मकान के सामने एक फोटो खींच कर शिकायत को यह कहकर निस्तारित कर दिया कि उन्होंने पशुचर की जमीन पर हो रहे निर्माण कार्य को रोकवा दिया है लेकिन लेखपाल के जाने के बाद पशुचर की जमींन पर निर्माण होता रहा । जबकि लेखपाल द्वारा जिस आख्या रिपोर्ट को प्रस्तुत किया गया वहां फ़ोटो तो सही लगाया गया लेकिन गाटा संख्या फर्जी डाल दिया गया।
शिकायतकर्ता का कहना कि एक तरफ सरकार भू माफियाओं पर नकेल कसने के लिए बड़े बड़े नारे लगा रही है वहीं दूसरी तरफ जिले और तहसील पर बैठे जिम्मेदार लोग सरकारी जमीनों पर कब्जा करने वाले भू माफियाओं को देखने के बाद भी आंख बंद करके बैठे हुए हैं इससे ऐसा लगता है कि सरकारी जमीनों पर कब्जा करवाने के नाम पर हर कोई अपने अपने स्तर से सुबिधा शुल्क ले रहा हैं।
मामले की शिकायत करने वाले शिकायतकर्ता ने कहा कि जब तहसीलदार , उपजिलाधिकारी और जिलाधिकारी बस्ती को शिकायत पत्र देने के बाद भी भू माफिया निर्माण कर रहे हैं तब ऐसा लगता है कि जिले में प्रशासन की मनमानी चल रही है।
इस मामले में तहकीकात समाचार ने उपजिलाधिकारी भानपुर और तहसीलदार से बात करके मामले की जानकारी प्राप्त करना चाहा लेकिन उनके फोन पर कोई जवाब नही मिला ।