News Rules 1 July:देश में 30 जून की रात 12 बजने के साथ ही अंग्रेजों द्वारा बनाए गए कानून समाप्त हो जाएंगे। 1 जुलाई से इनकी जगह तीन नए आपराधिक कानून लागू हो जाएंगे।इस नए कानून के लागू होने के बाद, देश में आईपीसी और सीपीआरपीसी की छुट्टी हो जाएगी। अब किसी भी अपराध की एफआईआर किसी भी थाने में दर्ज कराई जा सकेगी।इसके अलावा, भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC), और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह नए क्रिमिनल कानून देश में लागू होंगे। भारतीय दंड संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS), और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) लागू होंगे।
इन नए कानूनों में जांच, ट्रायल, और अदालती कार्यवाहियों में तकनीक के उपयोग पर विशेष जोर दिया गया है। इसके अतिरिक्त, NCRB ने मौजूदा क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम (CCTNS) एप्लिकेशन में 23 कार्यात्मक संशोधन किए हैं। यह संशोधन नए सिस्टम में आसानी से कंप्यूटर से FIR दर्ज करने और CCTNS संबंधित अन्य कार्य करने में सहायता करेंगे।
बड़े स्तर पर तैयारी पहले से हो गई थी शुरू
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में, गृह मंत्रालय ने 25 दिसंबर, 2023 को तीन नए आपराधिक कानूनों की अधिसूचना जारी करने के तुरंत बाद, पुलिसकर्मियों, जेल अधिकारियों, अभियोजकों, न्यायिक अधिकारियों और फॉरेंसिक कर्मियों को जागरूक करने के लिए बड़े पैमाने पर कार्य आरंभ कर दिया था। इसके अतिरिक्त, NCRB ने नए कानूनों को लागू करने में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सहायता के लिए 36 सपोर्ट टीम और कॉल सेंटर स्थापित किए हैं, ताकि किसी भी राज्य को इन नए कानूनों को लागू करने में आने वाली किसी भी प्रकार की तकनीकी या अन्य समस्या का तुरंत समाधान किया जा सके।
तीन नए ऐप भी बनाए गए
राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) ने नए कानूनों के तहत क्राइम स्पॉट, अदालती सुनवाई और इलेक्ट्रॉनिक तरीके से अदालती समन की तामील की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की सुविधा के लिए 'ई-साक्ष्य', 'न्यायश्रूति', और 'ई-समन' नाम से तीन नए ऐप भी बनाए हैं। बीपीआर एंड डी ने इन कानूनों के विभिन्न पहलुओं को समझाने के लिए 250 वेबिनार और सेमिनार आयोजित किए, जिनमें 40,317 अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया। ब्यूरो के मार्गदर्शन में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने 5,84,174 कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया।यूजीसी ने शिक्षकों और छात्रों को नए कानूनों से अवगत कराने के लिए 1,200 विश्वविद्यालयों और 40,000 कॉलेजों को जागरूक किया, जबकि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने लगभग 9,000 संस्थानों को इस बारे में जानकारी दी।