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गुरुवार, 27 जुलाई 2023

सभ्य राष्ट्र के निर्माता और युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत थे डॉo अब्दुल कलाम

सौरभ वीपी वर्मा

अब्दुल कलाम एक महान भारतीय वैज्ञानिक, शिक्षक और राष्ट्रपति थे। उनका पूरा नाम डॉ. अवुल पकीर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम था। उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु राज्य के रामेश्वरम नामक स्थान पर हुआ था और उनका निधन 27 जुलाई 2015 को मेघालय राज्य के शिलांग शहर में हुआ था।
अब्दुल कलाम ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) में वैज्ञानिक के रूप में काम किया था। उन्होंने भारतीय मिसाइल कार्यक्रम के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया और आईएसरो के पहले उपाध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया।

2002 से 2007 तक उन्होंने भारत के 11वें राष्ट्रपति के रूप में भी सेवा की। वे भारत के प्रथम वैज्ञानिक राष्ट्रपति थे और इन्हें "मिसाइल मैन" और "पीपल्स प्रेसिडेंट" के उपनाम से भी जाना जाता था।

अब्दुल कलाम को एक अद्भुत वक्तव्यवधारी, प्रेरणा स्रोत, गुरुत्वाकर्षक शिक्षक और विचारक के रूप में भी जाना जाता था। उनकी दृढ इच्छा थी कि भारत विज्ञान और प्रौद्योगिकी में प्रगति करे और देश को एक उच्च स्तरीय रूप में विकसित देशों की श्रेणी में ले जाए। उनके निधन के बाद, उन्हें भारत और विश्व भर में याद किया जाता है और उनके योगदान को सलामी दी जाती है।

डॉ. अब्दुल कलाम को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और डीआरडीईओ (DRDO) में उनके वैज्ञानिक अनुसंधान में अहम भूमिका निभाने के लिए जाना जाता है। उन्होंने कई सैन्य और अंतरिक्ष परियोजनाओं की नेतृत्व किया और इन क्षेत्रों में विज्ञान और तकनीक को बढ़ावा दिया।

अब्दुल कलाम को भारत के 11वें राष्ट्रपति के रूप में चुना गया था (2002-2007)। उन्होंने अपने पदकाल के दौरान भारतीय युवा पीढ़ी को प्रेरित किया और उन्हें राष्ट्रनिर्माण में भागीदार बनाने के लिए अपने भारत का सपना (Vision 2020) की रूपरेखा प्रस्तुत की।

अब्दुल कलाम ने अपने भाषणों और संवादों के माध्यम से देशवासियों को प्रेरित किया। उनके प्रसिद्ध भाषण "कलाम द्रष्टि" भारतीय युवाओं के बीच बहुत प्रसिद्ध हुआ, जिसमें उन्होंने युवा पीढ़ी को सकारात्मकता, समर्थन और सामर्थ्य के संदेश दिए।

"मिसाइल मैन" के रूप में पहचान: उन्हें "मिसाइल मैन" के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि उन्होंने भारतीय विज्ञान और रक्षा क्षेत्र में बहुत सारे महत्वपूर्ण मिसाइल परियोजनाओं में योगदान दिया।

अब्दुल कलाम को एक महान वैज्ञानिक, शिक्षाविद, और राष्ट्रीय नेता के रूप में याद किया जाता है जिनका योगदान भारत के विकास और उन्नति में महत्वपूर्ण रहा। उनके द्वारा प्रदर्शित किए गए समर्थन, सकारात्मकता और जीवनशैली के संदेश का अधिकांश भारतवासियों पर गहरा प्रभाव पड़ा।

अब्दुल कलाम का निधन 27 जुलाई 2015 को हुआ था। आज भी उन्हें मिसाइल मैन , भारत के 11वें राष्ट्रपति  के रूप में याद किया जाता है। वे एक माननीय वैज्ञानिक, शिक्षाविद्, और भारतीय रक्षा अनुसंधान संगठन DRDO (Defence Research and Development Organisation) के एक प्रमुख इंजीनियर थे। अपने जीवन के दौरान, वे भारतीय मिसाइल कार्यक्रम की विकास के लिए अपने योगदान के लिए विख्यात थे। उनकी मृत्यु एक सभ्य राष्ट्र और विज्ञान को बढ़ावा देने वाले व्यक्ति की एक बड़ी क्षति थी।

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