बस्ती- पांच करोड़ की लागत से बने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टरों का मोहभंग - तहक़ीकात समाचार

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मंगलवार, 6 सितंबर 2022

बस्ती- पांच करोड़ की लागत से बने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टरों का मोहभंग

सौरभ वीपी वर्मा
बस्ती- ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच जन-जन तक पहुंचाने के लिए सरकार द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र , सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं मातृ शिशु कल्याण केंद्र का निर्माण बड़े पैमाने पर करवाया गया है लेकिन ग्रामीण इलाकों में बने अस्पतालों में डॉक्टर , संसाधन एवं मेडिकल कर्मचारियों का नितांत अभाव दिखाई दे रहा है जिसके चलते करोड़ों रुपए की लागत से बने अस्पताल महज हाथी दांत बनकर रह गए हैं ।
 बस्ती जनपद के सल्टौआ गोपालपुर ब्लाक के अमरौली शुमाली गांव में  सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण हुआ है लेकिन इसके उद्घाटन के 3 साल बाद भी यहां पर डॉक्टरों की पहुंच सुनिश्चित नही हो पाई ,जबकि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए 5 करोड़ की लागत से अस्पताल की नींव रखी गई थी ।

50 हजार आबादी को मिलेगा फायदा
यह अस्पताल क्षेत्र के 50 हजार से ज्यादा आबादी के बेहतर सेवा दे सकता है लेकिन 30 बेड के बने इस अस्पताल में जिन नए डॉक्टरों की तैनाती हुई उन्होंने कभी भी अस्पताल पर हाजिरी नही लगाई ,अस्पताल पूर्व में संचालित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर और कर्मचारियों के बदौलत चल रहा है।

अस्पताल में आयुर्वेद और होम्योपैथ के डॉक्टर नही हैं  ,अस्पताल में अभी तक महिला डॉक्टर भी नही आई हुई हैं जिसकी वजह से क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं की जरूरत के लिए 30 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय या फिर प्राइवेट चिकित्सालय की तरफ भागने के लिए मजबूर होना पड़ता है ।

अस्पताल में तैनात मेडिकल अफसर डॉक्टर मोहम्मद अफाक अहमद ने बताया कि अस्पताल में 3 डॉक्टर की तैनाती हुई है लेकिन उसमें से डॉक्टर संतोष ही आते हैं , अस्पताल में फार्मासिस्ट की 4 जगह है लेकिन 2 फार्मासिस्ट ही मिल पाए हैं , 3 स्वीपर की जगह 1 स्वीपर एवं 4 वार्डव्वाय की जगह एक वार्डव्वाय की तैनाती अभी तक हो पाई है ।उन्होंने बताया कि अस्पताल में 2 एक्सरे टेक्नीशियन 1 लैब टेक्नीशियन एवं एक लैब सहायक की तैनाती है लेकिन डॉक्टरों की कमी के वजह से अस्पताल में मरीज नही आना चाहते हैं ।
इस अस्पताल को बनाने के लिए करोड़ो रुपया खर्च करने के बाद भी अस्पताल से डॉक्टरों का मोहभंग क्यों हो रहा है इसकी गंभीरता कभी विभाग के उच्चाधिकारियों ने भी नही लिया जिसकी वजह से यहां पर तैनात डॉक्टर किसी भी हाल में अस्पताल पर आना नही चाह रहे हैं जिसका खामियाजा स्थानीय निवासियों को भुगतना पड़ रहा है ।

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