हर्रैया विकास खंड में तैनात पंचायत सचिव संदीप कुमार पर आरोप है कि जब वह दुबौलिया ब्लाक में तैनात थे तो उनके प्रभार की ग्राम पंचायत महुलानी बुजुर्ग में बिना फर्म का चयन किए तीन लाख रुपये से अधिक की धनराशि का फर्जी तरीके से भुगतान कर दिया। स्वच्छ भरत मिशन के जिला सलाहकार और एडीओ पंचायत दुबौलिया की रिपोर्ट में उन्हें प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया।
इसी प्रकार परशुरामपुर में तैनात पंचायत सचिव रमाकांत वर्मा ने सल्टौआ गोपालपुर में तैनाती के दौरान अपने प्रभार के गांव पोखरभिटवा में मनरेगा से तालाब की खोदाई के दौरान वित्तीय अनियमितता बरती। तालाब की खोदाई मनरेगा मजदूरों से न कराकर जेसीबी से कराई गई। दोनो मामलों में पंचायत सचिवों को निलंबित कर जांच अधिकारी नियुक्त कर दिए गए हैं। उन्हें 15 दिन के अंदर आरोप पत्र प्रस्तुत करने को कहा गया है।