पत्रकार का चरित्र सिस्टम की खामियों और सामाजिक बुराइयों से लड़ने वाला होना चाहिये-राजेन्द्र नाथ तिवारी - तहक़ीकात समाचार

ब्रेकिंग न्यूज़

Post Top Ad

Responsive Ads Here

सोमवार, 30 अगस्त 2021

पत्रकार का चरित्र सिस्टम की खामियों और सामाजिक बुराइयों से लड़ने वाला होना चाहिये-राजेन्द्र नाथ तिवारी

बस्ती, 30 अगस्त। वेब मीडिया एसोसिएशन की ओर से मालवीय रोड पर रविवार को आयोजित पत्रकारों की कार्यशाला में उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुये मुख्य अतिथि डा. वी.के. वर्मा ने कहा आधुनिक मीडिया को खबरें परोसने में जल्दबाजी नहीं जिम्मेदारी दिखानी होगी। जल्दबाजी में पब्लिश की गई खबरें कई बार समस्यायें खड़ी कर देती हैं। इससे पहले उन्होने फीता काटकर कार्यशाला का उद्घाटन किया।

प्रथम सत्र में समाचार लेखन, शुरूआत, मध्य और समापन विषय पर जानकारी साझा करते हुये वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप चन्द्र पाण्डेय ने कहा पत्रकार समाज का सशक्त अधिवक्ता है। समाचार लेखन की कला नही है तो पत्रकारिता के मायने नही हैं। उन्होने कहा समाचार लेखन का पूरा तरीका 6 ककहरों पर आधारित है। समाचारों में क्या, क्यों, कैसे, कब, किससे, किसके लिये आदि प्रश्नों का जवाब मौजूद रहना चाहिये। इसके बगैर समाचार पूर्ण नही होते हैं, और यदि इन सवालों के जवाब के बगैर समाचार सम्पादित हो गये तो वे खुद सवाल बन सकते हैं।

प्रदीप चन्द्र पाण्डेय ने कहा जिस तरह व्यक्ति के जीवन में अनुशासन महत्वपूर्ण है उसी तरह खबरों में भी अनुशासन होता है। एक सफल पत्रकार वही है जो मानव स्वभाव का अध्ययन करे और वह ऐसी खबरों को सामने लाये कि पाठक शुरू से लेकर अंत तक खुद को उससे जुड़ा हुआ महसूस करे। वाक्य छोटे और हर पूर्ण विराम पर पूर्ण होते हों ऐसे प्रयास होने चाहिये। तात्त्कलिक खबरों के कारण आजकल खबरों का फालोअप छूट रहा है, पत्रकारों को इसका ध्यान रखना होगा। कई बार खबरों के पीछे कड़ी महत्वपूर्ण खबरें होती हैं जो सामने नही आ पातीं। उन्होने कहा समाचारों में तथ्य, कथ्य, प्रभाव और निष्कर्ष का समावेश होना चाहिये।

पूर्व सहायक सूचना निदेशक दशरथ प्रसाद यादव ने शीर्षक चयन, वेब मीडिया के बढ़ते प्रभाव, खबरों की रीच आदि पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होने कहा पत्रकार और खबर दोनो विश्वासनीय होनी चाहिये। उन्होने कहा वेब पर दिखने वाले समाचारों में सहजता दिखनी चाहिये। आधुनिक मीडिया पूरी तरह से इंटरनेट पर है और अब हर आदमी इंटरनेट का यूजर है। ऐसे में यह मायने नही रखता कि पत्रकार का सामान्य ज्ञान कितना है। मायने इसके हैं कि खबरें कितनी सहजता से पाठक के समझ में आ जायें। दशरथ प्रसाद यादव ने कहा शीर्षक भड़काऊ नही होना चाहिये, भावनाओं को चोट पहुंचाने वाली, लोगों को चकित करने वाली नही चाहिये। शीर्षक ऐसा हो कि पाठक पूरी खबर से जुड़ जाये।

पत्रकार और संस्कार विषय पर बोलते हुये वरिष्ठ पत्रकार राजेन्द्रनाथ तिवारी ने कहा संस्कार पत्रकारों का आभूषण है। समाज पत्रकारों को आइकॉन मानता है और यह धारणा आज भी कायम है कि पत्रकार है तो सही होगा, मसलन न्याय का पक्ष लेता होगा। उन्होने कहा पत्रकार का चरित्र भ्रष्टाचार, सिस्टम की खामियों और सामाजिक बुराइयों से लड़ने वाला होना चाहिये। अभावग्रस्त जीवन जीने वाले पत्रकार के लिये राष्ट्र प्रथम होता है। खबरों के प्रस्तुतीकरण और चरित्र में ये आदर्श दिखने चाहिये। उन्होने कहा पत्रकार परमात्मा के सबसे करीब का सजग व्यक्ति होता है। 

वेब मीडिया एसोसियेशन के संयोजक अशोक श्रीवास्तव ने वेब मीडिया पर खबरे प्रस्तुत करने के तौर तरीकों और वेबसाइट यूट्यूब के जरिये आय अर्जित करने को लेकर विस्तार से जानकारी दी। पत्रकार राजन चौधरी ने फेक समाचारों, वीडियो और फोटो की पहचान करने की जानकारी दी। कार्यशाला में मो. शहंशाह आलम, दिलीप पाण्डेय, धर्मेन्द्र कुमार, सुनील बरनवाल, कुलदीप चौधरी, अभिषेक गुप्ता, राज प्रकाश, राकेश त्रिपाठी, करमचन्द यादव, राजेश पाण्डेय, बीपी लहरी, अनूप कुमार बरनवाल, जसवंत पाण्डेय, हेमन्त पाण्डेय, राजकुमार पाण्डेय, आलोक चौधरी, नीरज कुमार वर्मा ‘नीरप्रिय’, दिलीप श्रीवास्तव, शम्भूनाथ कसौधन आदि ने हिस्सा लिया। पत्रकार हेमन्त पाण्डेय को एसोसियेशन का मंडल सचिव बनाया गया। घोषणा के बाद माल्यार्पण कर पत्रकारों ने उनका स्वागत किया। कार्यशाला के अंत में पत्रकारों को प्रमाण पत्र एवं गुरूजनों को प्रतीक चिन्ह दिया गया।

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

Pages