देश में कोरोना संक्रमण बहुत ही तेजी से फैल रहा है। भारत दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है जहां एक दिन में 4 लाख से अधिक संक्रमण के मामले सामने आए हैं। देश में तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण को लेकर सोशल मीडिया पर अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं। इन्हीं से एक दावा यह है कि 5जी की टेस्टिंग के कारण कोरोना फैल रहा है। एक दावा यह भी है कि कोरोना जैसी कोई बीमारी नहीं है, बल्कि यह 5जी रेडिएशन के कारण हो रहा है। आइए जानते हैं इस दावे पर विश्व स्वास्थ्य संगठन क्या कहता है ।
इस पोस्ट में साफतौर पर लिखा है कि वायरस रेडियो वेव और मोबाइल नेटवर्क से नहीं फैलते हैं। COVID-19 उन देशों में भी फैल रहा है जहां पर 5जी की ना टेस्टिंग हो रही है और ना ही 5जी मोबाइल नेटवर्क है। कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति की सांस की बूंदों से फैलता है जब वह छींकता है, बात करता है या थूकता है। इसके अलावा यदि किसी सतह पर संक्रमित इंसान की सांस की बूंदें गिरी हैं तो उसे छूने और फिर नाक, मुंह और आंख छूने से कोरोना फैलता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की आधिकारिक वेबसाइट पर इस तरह के अफवाहों को लेकर एक सेक्शन है जिसमें कोरोना को लेकर सोशल मीडिया के दावों के बारे में विस्तार से समझाया गया है। वेबसाइट से 'FACT: 5G mobile networks DO NOT spread COVID-19' नाम से एक पोस्ट है।
इस पोस्ट में साफतौर पर लिखा है कि वायरस रेडियो वेव और मोबाइल नेटवर्क से नहीं फैलते हैं। COVID-19 उन देशों में भी फैल रहा है जहां पर 5जी की ना टेस्टिंग हो रही है और ना ही 5जी मोबाइल नेटवर्क है। कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति की सांस की बूंदों से फैलता है जब वह छींकता है, बात करता है या थूकता है। इसके अलावा यदि किसी सतह पर संक्रमित इंसान की सांस की बूंदें गिरी हैं तो उसे छूने और फिर नाक, मुंह और आंख छूने से कोरोना फैलता है।