बस्ती। पोखरभिटवा मामले में निलंबित दरोगा दीपक सिंह के पिता की हत्या की फाइल फिर खुलेगी। एडीजी अखिल कुमार के निर्देश पर इसकी जांच एसपी देवरिया करेंगे। मामला दीपक के दरोगा बनने से पहले का है। इस मामले में दीपक जेल गया था। हालांकि सुनवाई के बाद अदालत ने उसे बरी कर दिया था।
दरोगा प्रकरण की जांच के सिलसिले में आए एडीजी ने बताया कि उन्होंने देवरिया के एसपी को दीपक सिंह के पिता की हत्या के मामले की फिर से जांच करने और रिपोर्ट देने को कहा है। दरोगा की नौकरी पाने से पहले दीपक सिंह को अपने पिता प्रभु सिंह की हत्या के मामले में आरोपित बनाया गया था। हालांकि वह इस मामले में अदालत से बरी हो गया। एडीजी ने बताया कि केस दर्ज होने तथा उसकी गिरफ्तारी होने के बाद किस तरह उसे मुकदमे से राहत मिली और वह दरोगा बन गया, इसकी विभागीय जांच कराई जाएगी।
मूल रूप से गोरखपुर के चौरीचौरा थाने के सोनबरसा बाजार निवासी अतुल उर्फ दीपक सिंह पर आरोप लगा था कि आठ जून 2013 को उसने अपने पिता प्रभु सिंह को मामा के घर ले जाने के बहाने हाईवे पर हेतिमपुर के पास गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में रामपुर कारखाना थाने में अपराध संख्या 879/13 पर तीन अज्ञात के विरुद्घ मुकदमा दर्ज किया गया था। तफ्तीश के दौरान वादी दीपक सिंह ही पिता की हत्या का आरोपित पाया गया। उसके बाद उसकी गिरफ्तारी हुई और उसे जेल भेज गया। 23 सितंबर 2013 को न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की गई थी। हालांकि, इस मामले में अदालत से वह बरी हो गया। बाद में वह पुलिस में भर्ती हुआ।