अपनी आलोचना भी नही सुनना चाहती झूठ और प्रोपोगेंडा की राजनीति करने वाली मोदी सरकार - तहक़ीकात समाचार

ब्रेकिंग न्यूज़

Post Top Ad

Responsive Ads Here

शनिवार, 2 जनवरी 2021

अपनी आलोचना भी नही सुनना चाहती झूठ और प्रोपोगेंडा की राजनीति करने वाली मोदी सरकार

विश्वपति वर्मा (सौरभ)

सच तो यह है कि बेबुनियाद मुद्दों को बहस का हिस्सा बनाने वाली मोदी सरकार जवाबदेही देने से भागती है , जब देश का किसान सड़कों पर है ,करोड़ो लोगों ने रोजगार के अवसर को खो दिया है तब मोदी सरकार ने संसद का शीतकालीन सत्र टाल कर यह संदेश दे दिया है कि उसे  आम आदमी से कोई लेना देना नही है ,सरकार पूरी तरह से तानाशाही रवैया अपनाने में माहिर है इसके अलावा प्राथमिकता को ध्यान में रखकर काम करने का सरकार की कोई योजना नही है।
1947 से लेकर 2014 तक देश की राजधानी दिल्ली में 84 से ज्यादा बड़े किसान आंदोलन हुए हैं और इस दौरान 2000 से ज्यादा बार संसद में किसानों की समस्या को लेकर चर्चा हुई है लेकिन मौजूदा सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र को ही रद्द कर दिया ताकि न चर्चा हो पाए  ,न विरोध क्योंकि सरकार को पता है कि संसद का सत्र शुरू होने के बाद मोदी सरकार देश ही नही पूरी दुनिया में बेनकाब होने वाली है।

इस बात को इनकार नहीं किया जा सकता कि यह सरकार जनता के हांड -मांस को कारपोरेट घरानों के अपने हितैषियों से चुसवा कर उन्हें कंकाल बनाने में लगी हुई है ,जिस दिन बहुसंख्यक आबादी की कंकाल दिखाई देने लगेगा उस दिन से कारपोरेट घरानों के ठग कंगाल हो चुकी जनता को औने पौने दामों में खरीदकर पूंजीपतियों के सामने नतमस्तक होने के लिए मजबूर कर देगी। 

उसके बाद पूरी दुनिया में भारत का श्रम सबसे सस्ता हो जाएगा और उसका फायदा पूंजीपति वर्ग उठाकर अपने शेयर को बढ़ा कर दुनिया के पूंजीपतियों से प्रतिस्पर्धा करेंगे वहीं गरीब व्यक्ति का जीवन स्तर लगातार खराब होता जाएगा और वह मात्र सरकार द्वारा दिये जाने वाले 500 रुपया महीना पेंशन और पांच किलो चावल गेहूं में सिमट कर रह जायेगा।

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

Pages