UP Panchayat Chunav: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में ग्राम प्रधानों (Gram Pradhan) के खाते 25 दिसंबर रात 12:00 बजे से बंद हो जायेंगे. इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों के हाथ में कमान सौंप दी जाएगी. ग्राम पंचायत सचिव, सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) और जिला पंचायती राज अधिकारी के हाथ में कमान होगी. इस बाबत पंचायती राज विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश भेज दिया है.
25 दिसंबर के बाद ग्राम प्रधान कोई नया काम नहीं कर पाएंगे. ग्राम प्रधान गांवों में वही काम करा पाएंगे जो पहले से चल रहे हैं. साफ है कि उनका वित्तीय अधिकार खत्म हो जाएगा. इसके लिए शासनादेश जारी कर दिया गया है. निर्देश सभी जिलाधिकारियों को भेज दिए गए हैं. प्रधानों का कार्यकाल समाप्त होते ही अधिकार पंचायती राज अधिनियम के तहत पंचायत विभाग के अधिकारियों के जिम्मे आ जाएगा.
गौरतलब है कि 25 दिसंबर से पहले चुनाव हो जाना चाहिए था, लेकिन कोरोना संकट की वजह से चुनाव में देरी हो गई. अब मार्च में चुनाव कराए जाने के संकेत मिल रहे हैं. पंचायतों के परिसीमन और मतदाता पुनरीक्षण का काम चल रहा है.
बताते चलें कि निर्वाचित होने के बाद ग्राम प्रधानों को पंचायती राज विभाग की ओर से एक बस्ता दिया जाता है, जिसमें उनसे संबंधित सभी प्रकार के अभिलेख समेत वित्तीय लेनदेन के लिए डोंगल, स्वच्छ भारत मिशन में इस्तेमाल होने वाली चेकबुक समेत अन्य समाग्री होती हैं. बस्ता जमा होते ही प्रधान का डोंगल डि-एक्टिवेट कर दिया जाएगा. 25 दिसंबर को कार्यकाल खत्म होने के बाद ग्राम प्रधानों का अपना बस्ता पंचायती राज विभाग में जमा करना होगा. इसके बाद वह कोई भी वित्तीय एवं प्रशासनिक कामकाज नहीं निपटा सकेंगे.