विश्वपति वर्मा(सौरभ)
शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों की दशा व दिशा को सुधारने के चाहे जितने प्रयास किये जाए लेकिन लापरवाह डॉक्टरों और कर्मचारियों की उदासीनता के चलते बीमारों को दवा और इलाज दोनों मिलना मुश्किल हो गया है।
तहकीकात समाचार ने भानपुर तहसील के अंतर्गत शंकरपुर में बने 4 बेड के राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल का पड़ताल किया सुबह करीब 11 बजे जब राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय पर पहुंचे तो स्थलीय पड़ताल में वहां की व्यवस्था काफी चौंकाने वाली दिखी जहां डॉक्टर ,फार्मासिस्ट ,और वार्ड व्वाय सब गायब मिले ,अस्पताल का ताला खुला था जहां वार्डव्वाय ने अपने लड़के को भेज रखा था ।
चार बेड के इस अस्पताल में कई दशक बीत गये कोई भी मरीज भर्ती नहीं हुआ यहां पर एक कमरा था जिसमे कबाड़ भरे हुए थे ,वार्ड में भी टूटे फूटे कुर्सी मेज और अन्य गंदगियों का अंबार लगा मिला। परिसर को गन्दगी ने अपने आगोश में ले रखा था। यह हाल तब है जब देश के पीएम व सीएम पूरे देश में स्वच्छता अभियान चला रहे हैं लेकिन इस अस्पताल में इसका कोई असर नहीं दिख रहा है।
एक कोने में पड़ा राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय का सांकेतिक बोर्ड ।