विश्वपति वर्मा(सौरभ)
कोरोना वायरस की चपेट में आकर 31 जुलाई को अपनी जान गंवा चुके हिन्दू युवा वहिनी के जिला प्रभारी अज्जू हिन्दुस्थानी के परिवार में लगातर मुसीबतों का पहाड़ टूट रहा है। जिस दिन उनका निधन हुआ उसी दिन सदमें उनकी सगी बहन की भी मौत हो गयी। अभी परिजन इस गम से उबर नही पाये थे कि कोरोना संक्रमण से जूझ रहीं अज्जू की माता जी का भी ओपेक चिकित्सालय में निधन हो गया।
अज्जू हिंदुस्तानी की मौत पर जहां पूरा जनपद गमगीन है वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ ने अज्जू हिंदुस्तानी के परिवार पर टूटे दुख के इस घड़ी में न तो दुख प्रकट किया और न ही किसी प्रकार का आधिकारिक घोषणा की ।
लोगों के जेहन में बार बार सवाल पैदा होता है कि जिस अज्जू हिंदुस्तानी ने संगठन को लेकर कई वर्षों तक जमीनी स्तर पर काम किया और खुद योगी आदित्यनाथ ने उन्हें हनुमान बताया आज उस हिंदुस्तानी परिवार के दुख में सीएम योगी खामोश क्यों हैं। आखिर वह इतना क्रूर कैसे हो गए हैं कि अपने एक सच्चे सिपाही की मौत पर चुप्पी नही तोड़ रहे हैं।
70 साल की उम्र में अज्जू के पिता इतने सारे गम एक साथ कैसे बर्दाश्त कर रहे होंगे यह पूरा जनपद समझ रहा है लेकिन सीएम योगी आदित्यनाथ इस बात को क्यों नही समझ पा रहे हैं।
बता दें कि घर में अज्जू हिंदुस्तानी के बुजुर्ग पिता के अलावा पत्नी और 6 साल का बेटा है जिन्हें सीएम योगी आदित्यनाथ के संबल की आवश्यकता है।