प्रदेश में त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर असमंजस बना हुआ है। ग्राम प्रधानों का कार्यकाल इस साल 25 दिसम्बर को खत्म होने को है और उससे पहले ग्राम पंचायतों के चुनाव हो जाने चाहिएं। इसके लिए जरूरी है कि नवम्बर में चुनाव की अधिसूचना जारी हो और उससे पहले शहरी क्षेत्र में शामिल हो चुकी पंचायतों के बाद बाकी बचे क्षेत्र का परिसीमन, वोटर लिस्ट का पुनरीक्षण आदि पूरा होना है, जिसके लिए दो से तीन महीने का समय चाहिए।
बुधवार 19 अगस्त को अपर निवार्चन आयुक्त वेद प्रकाश वर्मा ने सभी जिला अधिकारियों को एक पत्र जारी किया, जिसमें कहा गया कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए वोटर लिस्ट के पुनरीक्षण का कार्य पहली सितम्बर से शुरू करने पर आयोग विचार कर रहा है, इसलिए पंचायतों की वोटर लिस्ट के वृहद पुनरीक्षण के लिए शुरुआती प्रबंध करवाए जाएं। मगर आयोग ने उसी दिन यह पत्र वापस भी ले लिया। सूत्रों के अनुसार राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार के निर्देश पर यह पत्र वापस लिया गया है।
मगर अब अगस्त का महीना बीतने को है और सितम्बर व अक्तूबर के बाकी बचे दो महीनों में यह सारा काम पूरा होना मुश्किल है। उधर, मौजूदा ग्राम प्रधान मांग उठा रहे हैं कि कोरोना संकट को देखते हुए पंचायत चुनाव छह महीने के लिए टाल दिए जाएं और दिसम्बर के बाद मौजूदा प्रधान को ही प्रशासक बना दिया जाए। मगर प्रदेश सरकार इस बाबत अभी तक कोई निर्णय नहीं ले सकी है।