जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बावजूद केंद्र सरकार ने सुरक्षा स्थिति में सुधार नहीं किया है. कश्मीर में सक्रिय सुरक्षाबलों और मुठभेड़ों की बढ़ती संख्या के बावजूद भी कई स्थानीय लोग आतंकवादियों की श्रेणी में शामिल हो रहे है, गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने एनडीटीवी को बताया है कि यह सरकार के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बना हुआ है.
मंत्रालय के डेटा से पता चलता है कि इस वर्ष के पहले सात महीनों में, 90 स्थानीय लोग विभिन्न आतंकवादी समूहों में शामिल हो गए हैं. उनमें से 45 हिजबुल मुजाहिदीन, 20 लश्कर-ए-तैयबा, 14 जैश-ए मोहम्मद, 7 अल बद्र, दो अंसार गजवत उल हिंद और एक आईएसजेके में शामिल हो गए जो कि इस्लामिक स्टेट से प्रेरित एक आतंकी संगठन है.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, " आगे जो चिंता पैदा हो रही है वह यह है कि ये संख्या उम्मीद से अधिक हो सकती है. इससे पहले, सुरक्षाबलों को परिवार या पड़ोसियों या यहां तक कि सोशल मीडिया पोस्ट द्वारा सूचित किया जाता था यदि एक जवान लापता हो गया और आतंकवादियों में शामिल हो गया. लेकिन अब न तो कोई पोस्ट ऑनलाइन हो रही है और न ही परिवार आगे आ रहे हैं.'