सरकारी दिशानिर्देश की धज्जियां उड़ा कर बैंडवा मंदिर पर जुट गई हजारों की भीड़ ,एक तरफ शंख तो दूसरी तरफ बज रहा था जिंदगी और मौत का सायरन

विश्वपति वर्मा-

बस्ती-कोरोना वायरस के बीच जब पूरी दुनिया की सरकारें जनता की जिंदगी को बचाने के लिए लाखों प्रयास कर रही हैं तब आम जनता द्वारा ही अपने आपको मौत के मुह में ढकेला जा रहा है।

लॉकडाउन में छूट के बाद जारी दिशानिर्देश का उल्लंघन करते हुए जनता किस तरह से सरकार के नियमों की धज्जियां उड़ाती है यह देखने को मिला भानपुर के पास स्थित बैडवा समय माता स्थान पर।

मंदिर परिसर में सुबह से ही हजारों की भीड़ जुट चुकी थी और यह भीड़ लगातर बढ़ती ही जा रही थी लेकिन इतनी बड़ी लापरवाही पर किसी का ध्यान नही जा रहा था जिम्मदारों ने मामले को तब संज्ञान में लिया जब मुख्य मार्ग जे लेकर मंदिर की तरफ जाने वाले सड़क पर ट्रैफिक जाम हो गया।
  भीड़ को हटाते तहसीलदार केसरी नंदन तिवारी

भारी संख्या में भीड़ जुटने की जानकारी के बाद तहसीलदार केसरी नंदन तिवारी मौके पर पहुंचे और मंदिर मार्ग पर अपनी गाड़ी खड़ी कर लोगों को रोकने का प्रयास किया उसके बावजूद भी लोग खेतों में कूद कर मंदिर की तरफ जाते हुए दिखाई दे रहे थे ।

भीड़ के बड़े हिस्से को देखते हुए तहसीलदार ने पुलिस के लोगों को बुलाया और भीड़ को जल्द से जल्द खत्म करवाने के लिए खुद मोर्चा संभाला और मंदिर परिसर में जाकर श्रद्धालुओं को तत्काल प्रभाव से हटने का निर्देश दिया।
 अगरबत्ती के पैकेट से मालूम चलता है किस तरह से जुटी थी भीड़ 

तहसीलदार केसरी नंदन तिवारी ने ट्रस्ट के अध्यक्ष बलवंत सिंह पर नाराजगी दिखाते हुए भीड़ इकट्ठा होने का जिम्मेदार बताया उन्होंने ट्रस्ट के अध्यक्ष से कहा कि यदि सड़क पर बैरिकेडिंग की व्यवस्था की गई होती तो इस तरह की स्थिति पैदा नही होती।
 ट्रस्ट के लोगों से बात करते तहसीलदार

हालांकि तहसीलदार के कड़े तेवर के बाद 30 से 40 मिनट के अंदर 80 फीसदी लोगों ने रास्ते और मंदिर परिसर से हट जाने में ही भलाई समझा ,कुछ देर बाद दुकानों को भी बंद कराया गया और जो लोग पूजा पाठ का कार्यक्रम शुरू कर चुके थे उन्हें दूरी बनाकर जल्द से जल्द कार्यक्रम को खत्म करने के लिए निर्देशित किया गया। 
भारी भीड़ में किसी को भी इस बात की चिंता नही थी कि देश कोरोना वायरस की चपेट में है और आये दिन कोविड -19 के केस भी बढ़ रहे हैं जबकि मंदिर परिसर से ही सटे आश्रम पद्धति विद्यालय में कोरोना मरीजों के लिए अस्पताल बनाया गया है उसके बावजूद लोगों को अपनी जिंदगी का परवाह नहीं था मंदिर में लोग पूजापाठ पर शंख बजा रहे थे और उसी के बगल कोरोना वायरस की चपेट में आने वाले लोगों को लाने वाली एम्बुलेंस  सायरन बजा रही थी लेकिन इस बात का चिंता किसी को नही था कि कहीं इस भीड़ में कोई संक्रमित व्यक्ति आ जायेगा तो क्या होगा।
 मंदिर से कुछ ही दूरी पर स्थित है संदिग्ध  लोगों के लिए बनाया गया वार्ड ।
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