पेनिना के लिए ग़रीबी और मुश्किलें इतनी बढ़ गईं कि उन्हें अपने बच्चों को खिलाने के लिए खाना नहीं था . इसलिए उन्होंने अपने बच्चों को बहलाने के लिए पत्थर उबालना शुरू कर दिया . पेनिना ने सोचा कि उन्हें कुछ पकाते देख बच्चे खाने के इंतज़ार में सो जाएंगे . उनकी एक पड़ोसन प्रिस्का मोमानी ने इस पूरे वाक़ये का वीडियो बना लिया और मीडिया को इस बारे में बता दिया . प्रिस्का उनके बच्चों के रोने की आवाज़ सुनकर वहां ये देखने पहुंची थी कि उन्हें कोई परेशानी तो नहीं है .
पेनिना की कहानी सुनकर लोगों ने उनके लिए पैसे इकट्ठा किए और उन्हें पूरे कीनिया से फ़ोन आने लगे . उन्होंने कीनिया के एक इंटरव्यू में बताया कि लोगों ने उन्हें मोबाइल ऐप के ज़रिए पैसे भेजे . एक पड़ोसी ने उनका बैंक अकाउंट खुलवाया जिससे उन्हें पैसे मिले . कीनिया के रेडक्रॉस ने भी उनकी काफ़ी मदद की है . पेनिना कहती हैं कि उन्हें अंदाज़ा नहीं था कि कीनिया के लोग इतने दरियादिल हैं . वो इन सबको ' एक चमत्कार ' मानती हैं .
उन्होंने कीनिया की टुको न्यूज़ वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में कहा , " मेरे बच्चों को पता चल गया था कि मैं पत्थर पकाने का नाटक करके उन्हें बहलाने की कोशिश कर रही हूं . लेकिन मेरे पास कोई और विकल्प नहीं था . " पेनिना कीनिया के मोम्बासा शहर में दो कमरों के मकान में रहती हैं . उनके घर में न तो बिजली आती है और न ही पानी . कीनिया में कोरोना संक्रमण के 395 मामले सामने आए हैं और 19 लोगों की मौत हो चुकी है .