9 महीने की गर्भवती को भी नही छोड़ा ,याद रहेगी सरकार की निरंकुशता की यह कहानी - तहक़ीकात समाचार

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सोमवार, 18 मई 2020

9 महीने की गर्भवती को भी नही छोड़ा ,याद रहेगी सरकार की निरंकुशता की यह कहानी

विश्वपति वर्मा.

एयर कंडीशनर कमरे बैठ कर देश को विश्वगुरु बनाने वाले नेता बाहर निकल कर देखें कि देश के आम नागरिकों को किन किन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।मेट्रो शहरों से देश का मजदूर तबका अपने घरों को जाने के लिए पैदल निकल रहा है ,कोई बुजुर्ग मां को कंधे पर बैठाया है तो गर्भवती पत्नी को कोई मासूम बच्चों को कांवर में बैठाकर ले जा रहा है तो कोई मां अपने बच्चे को ट्राली बैग पर सुला कर ले जाते हुए दिखाई दे रही है।यहां तक कि सबसे विचलित करने वाली तस्वीर भी दिखाई देती है जहां पर 9 महीने की गर्भवती महिला जो मां बनने के अंतिम दौर में है इस निरंकुश सरकार ने उसे भी नही छोड़ा और उसे ट्रकों पर लदकर और पैदल यात्रा करने के लिए मजबूर होना पड़ा। बेहतर होता कि महिला को उसके गंतव्य तक छोड़ने के लिए शासन प्रशासन को ठोस इंतजाम करना चाहिए था।
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा कहते हैं कि जो काम कांग्रेस सरकार ने 70 सालों में नही कर पाई वह काम भारतीय जनता पार्टी ने 6 सालों में करके दिखाया है, संबित पात्रा की बातें भी सच साबित हो रही हैं ,सच यही है कि जो काम कांग्रेस ने 70 वर्षों में नही किया वह भाजपा ने 6 सालों में कर दिया।
देश के एक बड़ी आबादी जो अंतिम वर्ग से आता है उसे पहले नोटबन्दी के बाद लाइनों में लगवाया ,बिना रणनीति के जीएसटी लागू कर धंधा चौपट करवाया ,21 वीं सदी के वैज्ञानिक युग में ताली ,थाली ,लोटा ,पिटवाया जानवरों का मल और मूत्र पिलवाया और फिर कोरोना वायरस से निपटने के लिए नाकाम तैयारियों के बीच तालाबंदी कर गरीब ,मजदूर एवं असहाय लोगों को हजारों हजार किलोमीटर तक पैदल दौड़ाया,देश के संसाधनों को बेंच कर सरकारी एकाधिकार खत्म किया , जब शिक्षा का अलख जगाना था तब धर्म के नाम पर जनता को गुमराह किया ,आदर्श ग्राम पंचायत और स्मार्ट सिटी  बनाने के नाम पर देशवासियों से झूठ बोला ,रोजगार के क्षेत्र को चौपट कर लोगों की नौकरियों को छीना ऐसे ही न जाने कितनी योजनाओं और कार्यों के नाम पर भोली भाली जनता को ठगने का काम भारतीय जनता पार्टी ने किया तो यह बात सच ही है कि जो काम भाजपा ने किया वह कांग्रेस नही कर पाई।
इतिहास के पन्नों में यह बात तो दर्ज ही होना है कि जब देश का मजदूर और गरीब आदमी 1000 -500 रुपये रुपये के नोट को बदलवाने के लिए लाइनों में लगा था तब वीवीआईपी लोगों ने बैंक और सरकार से सम्बंध स्थापित कर अपने काले धन को सफेद कर नोटबन्दी की नियति को ध्वस्त कर दिया ,जब देश भर में लॉकडाउन था लोग अपने घरों के लिए पैदल निकल रहे थे, ट्रकों और मिक्सर मशीन में भर कर यात्रा कर रहे थे तब साधन संपन्न लोग हवाई जहाज और सरकारी बसों में यात्रा कर अपने घरों को पहुंच रहे थे ,आखिर यह सरकार की निरंकुशता नही है तो और क्या है .सोचिए और विचार कीजिये।

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