विश्वपति वर्मा-
भारत दुनिया के सम्पन्न देशों की सूची में एक बहुत ही गरीब मुल्क है, यह स्थिति ऐसे समय मे है जब स्वतंत्र भारत मे पैदा हुए बच्चे 25 से 30 वर्ष के हो चुके हैं, दुनिया के हर गुलाम देशों ने गुलामी से मुक्ति पाते ही अपनी दरिद्रता को खत्म किया है लेकिन भारत और अधिक दलदल में फंसता जा रहा है।
साधन की कमी से देश तरक्की ना कर पाए तो बात समझ में आती है लेकिन भारत विश्व का सर्वाधिक साधन संपन्न देश है उसके बाद भी यहां की बदहाली खत्म होने का नाम नही ले रही है।
विश्व का 30% यूरेनियम व 25% लोहे का भंडार भारत में है ,विश्व का 15% पानी यहां की नदियों में सतत बहता रहता है जो विश्व की सबसे अधिक ऊंचाई से आता है जिससे सिंचाई के साथ-साथ विद्युत शक्ति पैदा करने की संभावनाएं सर्वाधिक रहती हैं,इसके अलावा भारत अन्नदाता का देश है जो दुनिया की अन्य देशों से बेहतर उपजाऊ है , तमाम प्राकृतिक साधनों के होने के कारण ही भारत सोने का चिड़िया कहा जाता था उसके बाद भी भारत आज विश्व का सबसे ज्यादा गरीब लोगों का देश हो चुका है ।
इसके कारणों के रहस्य को जानने की उत्सुकता देश के हर नागरिक को होनी चाहिए और देश के सत्ताधारी ही नही कार्यपालिका, न्यायपालिका ,विधायिका और मीडिया को इसकी जवाबदेही तय करनी चाहिए।
भारत दुनिया के सम्पन्न देशों की सूची में एक बहुत ही गरीब मुल्क है, यह स्थिति ऐसे समय मे है जब स्वतंत्र भारत मे पैदा हुए बच्चे 25 से 30 वर्ष के हो चुके हैं, दुनिया के हर गुलाम देशों ने गुलामी से मुक्ति पाते ही अपनी दरिद्रता को खत्म किया है लेकिन भारत और अधिक दलदल में फंसता जा रहा है।
साधन की कमी से देश तरक्की ना कर पाए तो बात समझ में आती है लेकिन भारत विश्व का सर्वाधिक साधन संपन्न देश है उसके बाद भी यहां की बदहाली खत्म होने का नाम नही ले रही है।
विश्व का 30% यूरेनियम व 25% लोहे का भंडार भारत में है ,विश्व का 15% पानी यहां की नदियों में सतत बहता रहता है जो विश्व की सबसे अधिक ऊंचाई से आता है जिससे सिंचाई के साथ-साथ विद्युत शक्ति पैदा करने की संभावनाएं सर्वाधिक रहती हैं,इसके अलावा भारत अन्नदाता का देश है जो दुनिया की अन्य देशों से बेहतर उपजाऊ है , तमाम प्राकृतिक साधनों के होने के कारण ही भारत सोने का चिड़िया कहा जाता था उसके बाद भी भारत आज विश्व का सबसे ज्यादा गरीब लोगों का देश हो चुका है ।
इसके कारणों के रहस्य को जानने की उत्सुकता देश के हर नागरिक को होनी चाहिए और देश के सत्ताधारी ही नही कार्यपालिका, न्यायपालिका ,विधायिका और मीडिया को इसकी जवाबदेही तय करनी चाहिए।