के०सीo श्रीवास्तव -
वैसे तो भानपुर तहसील क्षेत्र के अंतर्गत जितने भी चकबंदी कार्यालय हैं किसी का भी अपना भवन नही है लेकिन उधार के भवन में चलने वाला सोनहा कार्यालय एक जर्जर भवन में चल रहा है जो अपनी व्यवस्था के वजह से बदहाली का आंसू बहा रहा है।
बस्ती-डुमरियागंज मार्ग पर स्थित सोनहा पड़ाव पर यह कार्यालय पहले किराये के मकान में चल रहा था लेकिन किन्हीं कारणों के चलते अब यह कार्यालय सोनहा में ही स्थित सहकारी समिति के एक भवन में स्थानांतरित कर दिया गया जहां पर न अभिलेख सुरक्षित हैं और न ही बिजली-पानी और फर्नीचर की मुकम्मल व्यवस्था है।
और अधिक जानकारी के लिए तहकीकात समाचार के प्रतिनिधि बुधवार को दो बजे कार्यालय पर पंहुचे तो वहां पर ताला लगा हुआ था अगले दिन बृहस्पतिवार को एक बार फिर हमारे संवाददाता जानकारी हासिल करने के लिए 12:30 बजे पहुंचे तब कार्यालय का बड़ा सा गेट तो खुला हुआ था लेकिन वहां पर कोई नही था ,बगल में चाय की दुकान चलाने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि साहब बस्ती गए हैं।
खबर को पढ़िए, सोचिए और हंसिए कि सचमुच हम एक ऐसे भारत मे रहते हैं जहां पर करोड़ो रूपये खर्च होकर भवन बनने के बाद कैली जैसे अस्पताल के अंदर जर्जर हो गया ,भानपुर तहसील के अंदर बने करोड़ो रूपये के भवन का किसी को जरूरत ही नही है, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भानपुर के अंदर 3 करोड़ रुपये से अधिक के बने हुए भवन के चारो तरफ झाड़ियों का झुंड लग गया लेकिन सरकारी कार्यालय को चलाने के लिए सरकार के पास एक कमरे का कोई ऐसा भवन नही है जो हंस कर कह सके कि हाँ "मैं कार्यालय "हूं ।