अमर उजाला की एक खबर के अनुसार इंदिरापुरम के वैभवखंड स्थित कृष्णा अपरा सफायर सोसायटी में मंगलवार सुबह कारोबारी ने अपने दो बच्चों की हत्या कर महिला मैनेजर और पत्नी के साथ आठवीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। पुलिस को कमरे की दीवार पर सुसाइड नोट लिखा मिला है जिसमें कारोबारी ने अपनी मौत और तंगी के लिए साढ़ू राकेश वर्मा को जिम्मेदार ठहराया। बच्चों की हत्या के बाद कारोबारी ने दिल्ली मेें एक परिचित को वीडियो कॉल करके कहा कि अब सब खत्म हो गया है। पुलिस ने पांचों के शव पोस्टमार्टम के लिए भेज मामले की जांच शुरू कर दी।
सोसायटी की आठवीं मंजिल पर स्थित फ्लैट संख्या ए-806 में गुलशन (45) पत्नी परमीना (43), बेटी कृतिका (18 ) और बेटे ऋतिक (13) के साथ रहते थे। गुलशन की गांधीनगर दिल्ली में जींस की फैक्ट्री थी। उनकी मैनेजर संजना (26) भी परिवार के सदस्य के तौर पर उनके साथ रहती थी। मंगलवार सुबह करीब पांच बजे गुलशन ने दोनों बच्चों की हत्या करने के बाद मैनजर और पत्नी के साथ फ्लैट की बालकनी से छलांग लगा दी। गेट पर तैनात गार्ड ने तीनों के गिरने की आवाज सुनकर शोर मचा दिया। जिसके बाद सोसायटी के अन्य लोगों ने पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही एसएसपी सुधीर कुमार, एसपी सिटी डा. मनीष मिश्रा, एएसपी केशव कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। दंपती की मौके पर ही मौत हो चुकी थी, जबकि गंभीर रूप से घायल संजना को अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसने भी दम तोड़ दिया।
बेटे को चाकू से काटा, बेटी का गला दबाया
पुलिस फ्लैट में पहुंची तो बेडरूम में कृतिका और बेटे ऋतिक का शव पड़ा हुआ था। गुलशन ने बेटे की गर्दन चाकू से काट डाली और बेटी को गला दबा कर मार दिया। इसके साथ ही पालतू खरगोश भी मरा हुआ मिला। उसे गर्दन मरोड़कर मारा गया था। फ्लैट में कुछ सिरिंज भी मिली हैं जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि बच्चों को मारने से पहले बेहोश किया गया था।
दीवार पर चिपकाए 500 केनोट व बाउंस चेक
दीवार पर सुसाइड नोट में कारोबारी ने लिखा कि उन पांचों की आंखिरी तमन्ना है कि उनकी लाशों को एक साथ जलाया जाए। इसके अलावा क्रिया क्रम के लिए दीवार पर 500-500 के दस हजार के नोट भी चिपके मिले। साथ ही बाउंस चेक भी चिपके थे, जो उसके साढ़ू द्वारा दिए गए थे। आरोप है कि शालीमार गार्डन निवासी साढू राकेश वर्मा ने उनके करीब दो करोड़ रुपये हड़प लिए थे।
करोेड़ों डूबने से आहत होकर उठाया कदम : एसएसपी
एसएसपी सुधीर सिंह ने बताया कि कारोबारी ने पहले अपने बच्चों की हत्या की और उसके बाद अपनी मैनेजर और पत्नी के साथ बालकनी से छलांग लगा दी। कारोबारी के साढ़ू ने करीब दो करोड़ रुपये का धोखा किया था। वह पैसे वापस नहीं कर रहा था। साथ ही कोलकाता की एक कंपनी में गुलशन के करीब 60 व 70 लाख रुपये डूब गए। दोहरे नुकसान से आहत होकर गुलशन ने यह कदम उठाया।
सोसायटी की आठवीं मंजिल पर स्थित फ्लैट संख्या ए-806 में गुलशन (45) पत्नी परमीना (43), बेटी कृतिका (18 ) और बेटे ऋतिक (13) के साथ रहते थे। गुलशन की गांधीनगर दिल्ली में जींस की फैक्ट्री थी। उनकी मैनेजर संजना (26) भी परिवार के सदस्य के तौर पर उनके साथ रहती थी। मंगलवार सुबह करीब पांच बजे गुलशन ने दोनों बच्चों की हत्या करने के बाद मैनजर और पत्नी के साथ फ्लैट की बालकनी से छलांग लगा दी। गेट पर तैनात गार्ड ने तीनों के गिरने की आवाज सुनकर शोर मचा दिया। जिसके बाद सोसायटी के अन्य लोगों ने पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही एसएसपी सुधीर कुमार, एसपी सिटी डा. मनीष मिश्रा, एएसपी केशव कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। दंपती की मौके पर ही मौत हो चुकी थी, जबकि गंभीर रूप से घायल संजना को अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसने भी दम तोड़ दिया।
बेटे को चाकू से काटा, बेटी का गला दबाया
पुलिस फ्लैट में पहुंची तो बेडरूम में कृतिका और बेटे ऋतिक का शव पड़ा हुआ था। गुलशन ने बेटे की गर्दन चाकू से काट डाली और बेटी को गला दबा कर मार दिया। इसके साथ ही पालतू खरगोश भी मरा हुआ मिला। उसे गर्दन मरोड़कर मारा गया था। फ्लैट में कुछ सिरिंज भी मिली हैं जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि बच्चों को मारने से पहले बेहोश किया गया था।
दीवार पर चिपकाए 500 केनोट व बाउंस चेक
दीवार पर सुसाइड नोट में कारोबारी ने लिखा कि उन पांचों की आंखिरी तमन्ना है कि उनकी लाशों को एक साथ जलाया जाए। इसके अलावा क्रिया क्रम के लिए दीवार पर 500-500 के दस हजार के नोट भी चिपके मिले। साथ ही बाउंस चेक भी चिपके थे, जो उसके साढ़ू द्वारा दिए गए थे। आरोप है कि शालीमार गार्डन निवासी साढू राकेश वर्मा ने उनके करीब दो करोड़ रुपये हड़प लिए थे।
करोेड़ों डूबने से आहत होकर उठाया कदम : एसएसपी
एसएसपी सुधीर सिंह ने बताया कि कारोबारी ने पहले अपने बच्चों की हत्या की और उसके बाद अपनी मैनेजर और पत्नी के साथ बालकनी से छलांग लगा दी। कारोबारी के साढ़ू ने करीब दो करोड़ रुपये का धोखा किया था। वह पैसे वापस नहीं कर रहा था। साथ ही कोलकाता की एक कंपनी में गुलशन के करीब 60 व 70 लाख रुपये डूब गए। दोहरे नुकसान से आहत होकर गुलशन ने यह कदम उठाया।