देश मे चल रही सरकार की तानाशाही ,पत्र लिखकर चिंता जाहिर करने पर दर्ज हुआ मुकदमा - तहक़ीकात समाचार

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शनिवार, 5 अक्तूबर 2019

देश मे चल रही सरकार की तानाशाही ,पत्र लिखकर चिंता जाहिर करने पर दर्ज हुआ मुकदमा

बिहार के मुजफ्फरपुर में पीएम मोदी को मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं पर खुला पत्र लिखने वाले तीन लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है। इस मामले में खुला पत्र लिखने वाले रामचंद्र गुहा, मणि रत्नम और अपर्णा सेन समेत करीब 50 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। बता दें कि देश में बढ़ रहे मॉब लिंचिंग (भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या) के मामलों पर इन लोगों ने चिंता जाहिर की है। पुलिस ने यह जानकारी दी। इसके लिए इन लोगों ने पीएम को पत्र लिख देश की हालात से अवगत कराया। यह घटना गुरुवार (03 अक्टूबर) की है।

बता दें कि स्थानीय वकील सुधीर कुमार ओझा की ओर से दो महीने पहले दायर की गई एक याचिका पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) सूर्य कांत तिवारी के आदेश के बाद यह प्राथमिकी दर्ज हुई है। मामले में ओझा ने कहा कि सीजेएम ने 20 अगस्त को उनकी याचिका को स्वीकार कर ली थी। इसके बाद गुरुवार (03 अक्टूबर) को सदर पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज हुई है। ओझा का आरोप है कि इन हस्तियों ने देश और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को कथित तौर पर धूमिल किया है।

कई धाराओं में मामला दर्जः

पुलिस ने बताया कि मामले में प्राथमिकी भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज की गई है। इसमें राजद्रोह, उपद्रव करने, शांति भंग करने के इरादे से धार्मिक भावनाओं को आहत करने से संबंधित धाराएं भी लगाई गईं हैं।


बड़ी हस्तियों ने की लिखा था पत्रः

बता दें कि पीएम को लिखे हुए पत्र में देश की बड़ी हस्तियों के नाम भी शामिल हैं। इनमें फिल्मकार श्याम बेनेगल, गायक शुभा मुदगल, इतिहासकार रामचंद्र गुहा, बंगाली सिनेमा के जानकार सौमित्रो चटर्जी, दक्षिणी फिल्म निर्माता-अभिनेता रेवती, सामाजिक कार्यकर्ता बिनायक सेन और समाजशास्त्री आशीस नंदी भी शामिल हैं।

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