विश्वपति वर्मा(सौरभ)
105 वर्ष बाद अपने पूर्वजों के जन्मभूमि को खोजने आये ऑस्ट्रेलियाई नागरिक को भारत के गांवों से प्यार हो गया जिससे अब वें भारत के ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाली लड़कियों के शिक्षा एवं अन्य बुनियादी सुविधाओं को मुहैया कराने के लिए उत्साहित हैं।
बता दें कि भारतीय मूल के विनय चन्द्र जी के परदादा 1914 में अंग्रेजों के साथ फिजी चले गए थे जंहा पर उनकी तीन पीढ़ियों ने फिजी में अपना व्यवसाय कर लिया वंही एक और पीढ़ी ने ऑस्ट्रेलिया में अपना कारोबार कर लिया जिसमे विनय चन्द्र भी शामिल हैं ।
दिसम्बर 2018 में अपने पूर्वजों के जन्मस्थान को तलाशने विनय चंद्र भारत की यात्रा पर थे ,उनकी जानकारी के अनुसार उनके पूर्वज बस्ती जनपद के धनघटा थाने के करमा गांव के निवासी थे जो अब संतकबीर नगर जनपद का हिस्सा है ,करमा गांव पँहुचने के बाद विनय चन्द्र ने पूरे गांव का भ्रमण किया हालांकि इस गांव से इसके पूर्वज थे इसकी ठोस जानकारी नही मिल पाई लेकिन वापस ऑस्ट्रेलिया जाने से पहले उन्होंने भारत के गांवों में घूमने के साथ वें दिल्ली, लखनऊ ,आगरा ,मुंबई ,जयपुर ,अयोध्या, सहित कई शहरों को उन्होंने करीब से देखा ,जंहा पर उन्होंने शिक्षा व्यवस्था पर अध्ययन किया।
विनय चन्द्र ने बताया कि भारत की शिक्षा प्रणाली बहुत खराब है जिसकी वजह से यंहा के नागरिक में जागरूकता का बड़ा अभाव है जिसके कारण यंहा के लोग अपने ही लोगों के बीच मे ठगे जाते हैं ।
इस स्थिति को देखते हुए विनय चन्द्र लड़कियों के शिक्षा पर अपना योगदान भी दे रहे हैं ,जंहा पाठ्य सामग्री के साथ तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने पर उनकी मंशा है।
105 वर्ष बाद अपने पूर्वजों के जन्मभूमि को खोजने आये ऑस्ट्रेलियाई नागरिक को भारत के गांवों से प्यार हो गया जिससे अब वें भारत के ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाली लड़कियों के शिक्षा एवं अन्य बुनियादी सुविधाओं को मुहैया कराने के लिए उत्साहित हैं।
बता दें कि भारतीय मूल के विनय चन्द्र जी के परदादा 1914 में अंग्रेजों के साथ फिजी चले गए थे जंहा पर उनकी तीन पीढ़ियों ने फिजी में अपना व्यवसाय कर लिया वंही एक और पीढ़ी ने ऑस्ट्रेलिया में अपना कारोबार कर लिया जिसमे विनय चन्द्र भी शामिल हैं ।
दिसम्बर 2018 में अपने पूर्वजों के जन्मस्थान को तलाशने विनय चंद्र भारत की यात्रा पर थे ,उनकी जानकारी के अनुसार उनके पूर्वज बस्ती जनपद के धनघटा थाने के करमा गांव के निवासी थे जो अब संतकबीर नगर जनपद का हिस्सा है ,करमा गांव पँहुचने के बाद विनय चन्द्र ने पूरे गांव का भ्रमण किया हालांकि इस गांव से इसके पूर्वज थे इसकी ठोस जानकारी नही मिल पाई लेकिन वापस ऑस्ट्रेलिया जाने से पहले उन्होंने भारत के गांवों में घूमने के साथ वें दिल्ली, लखनऊ ,आगरा ,मुंबई ,जयपुर ,अयोध्या, सहित कई शहरों को उन्होंने करीब से देखा ,जंहा पर उन्होंने शिक्षा व्यवस्था पर अध्ययन किया।
विनय चन्द्र ने बताया कि भारत की शिक्षा प्रणाली बहुत खराब है जिसकी वजह से यंहा के नागरिक में जागरूकता का बड़ा अभाव है जिसके कारण यंहा के लोग अपने ही लोगों के बीच मे ठगे जाते हैं ।
इस स्थिति को देखते हुए विनय चन्द्र लड़कियों के शिक्षा पर अपना योगदान भी दे रहे हैं ,जंहा पाठ्य सामग्री के साथ तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने पर उनकी मंशा है।