सौरभ वीपी वर्मा
मुफ्त राशन पाकर बेंचने या खाने वाले लोगों और 2000 रुपया किसान सम्मान निधि पाकर खुशहाली का ढोल पीट रहे लोगों को भविष्य और उनकी आने वाली पीढ़ियों के बारे में शायद भले ही खतरे का कोई आहट दिखाई न दे रहा हो लेकिन जो संकेत दिखाई दे रहा है अगर ऐसे ही सिलसिला चलता रहा तो आने वाले दिनों में जिन 80 करोड़ लोगों को राशन देने की बात सरकार कर रही है उन्हें कटोरी लेकर सड़को पर खड़े होकर राहत कैम्पों में भोजन के लिए मारामारी करते हुए देखा जाएगा।
यह पोस्ट स्क्रीन शॉट करके रख लीजिए आने वाले 5 सालों के अंदर देखिएगा देश की बड़ी आबादी कंगाली और दरिद्रता के मुहाने पर खड़ी मिलेगी।आप सोच रहे होंगे बस ऐसे ही जो चाहते हैं वह लिख देते हैं ,तो इस सोच में बदलाव लाना होगा।
हम आपको एक आंकड़ा दिखा रहे हैं , जिसमें साफ तौर पर दिखाई दे रहा है कि वर्ष 2004 में भारत पर विदेशी कर्जा 17 लाख करोड़ था बढ़ते बढ़ते यह कर्ज वर्ष 2014 तक 10 सालों में कांग्रेस की सरकार में 55 लाख करोड़ हो गया। उसके बाद देश में भाजपा की सरकार आई और महज 9 सालों में 55 लाख करोड़ का विदेशी कर्ज बढ़कर 155 लाख करोड़ से ज्यादा हो गया ।
और यह कर्जा उस वक्त में देश के ऊपर बढ़ा है ,जब 300 रुपये में मिलने वाले सिलेंडर को 1300 में बेचा जा रहा है ,60 रुपये के पेट्रोल को 100 रुपये में बेंचा जा रहा है ,करीब करीब हर सामानों का दाम दोगुना हो चुका है , देश के अधिकांश दुकानदारों और व्यवसायिक लोगों से जीएसटी वसूला जा रहा है तब भी हम देश के खर्चे को अपने दम पर नही चला पा रहे हैं , अब आप खुद विचार कीजिए कि ऐसे ही सिलसिला चलता रहा तो आने वाले दिनों में आर्थिक मामलों में भारत का क्या हालात होगा ।