देश में दीपावली का पर्व नजदीक आ चुका है जिसे हर तबके का व्यक्ति बडे ही धूम धाम से मनाता है लेकिन आर्थिक तंगी की वजह से करोड़ लोगों की खुशियों का दिवाला निकलता हुआ दिखाई दे रहा है ।
उत्तर प्रदेश एवं केंद्रीय सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों के निधि का भुगतान न करने की वजह से प्रधान से लेकर दुकानदार तक सब परेशान होते हुए दिखाई दे रहे हैं लेकिन कोई समाधान निकलता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है , गांवों में आर्थिक मंदी से निपटने के लिए मनरेगा योजना को सबसे बड़ा स्रोत माना गया है लेकिन मनरेगा में श्रमिकों और सामग्री का भुगतान न होने की वजह से श्रमिक ,राज मिस्त्री ,दुकानदार एवं प्रधान समेत इससे जुड़े सभी लोगों को आर्थिक तंगी के मुहाने पर खड़ा कर दिया है ।
इतना ही नही उत्तर प्रदेश सरकार की कंगाली इस कदर दिखाई दे रही है कि स्कूल में खाना बनाने वाली रसोइयों को भी पांच से छह महीने का मानदेय नही मिल पाया है जिसके नाते प्रदेश भर में लाखों रसोइयों के घर के रसोई में भी ग्रहण लगता हुआ दिखाई दे रहा है ।
ये तो महज एक उदाहरण है प्रदेश में लोगों की हालात किस कदर आर्थिक रूप से खराब है इसे बारीकी से समझने के लिए संविदाकर्मियों के पास जाना होगा जिन्हें कई महीने का मानदेय अभी तक नही मिल पाया है , रोजगार सेवक ,पंचायत सहायक ,नगरपंचायत के कर्मचारियों , स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारियों , रसोइया , प्रधान ,दुकानदार से लेकर हर तबके का व्यक्ति परेशान है केवल मुट्ठी भर लोगों को छोड़कर ।