नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक बड़े कारोबारी एवं गुटखा किंग और उसके सप्लायरों के ठिकानों पर छापेमारी (Raid) की गई. गुड्स एंड सर्विस टैक्स इंटेलिजेंस यूनिट (DGGI) ने शुक्रवार को कहा कि इत्र कारोबार से जुड़े कानुपर के एक बिजनेसमैन पीयूष जैन (Piyush Jain) के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान 150 करोड़ रुपये से ज्यादा की नकदी बरामद हुई है. सीज किए गए बैंक नोटों की गिनती चल रही है. जैन कानपुर की एक पान मसाला कंपनी को भी आपूर्ति करता है.
सामने आई छापेमारी की तस्वीरों में दो बड़ी अलमारियां नोटों के बंडल से खचा-खच भरी नजर आ रही हैं. नोटो के बंडल को प्लास्टिक के कवर में लपेटकर उसपर पीला टेप लगाया गया है. हर फोटो में 30 से ज्यादा बंडल दिखाई पड़ रहे हैं.
एक अन्य तस्वीर में आयकर विभाग और जीएसटी अधिकारियों को एक कमरे में चादर पर बैठे हुए देखा जा सकता है. उनके चारों को नकदी का ढेर लगा है और उनकी गिनती के लिए तीन मशीनें लगी हैं.
यह सप्लायर गुटखा कारोबारी को इत्र और कच्चा माल सप्लाई करता है. नोटों की गिनती के लिए स्टेट बैंक के अधिकारियों को बुलाया गया अब भी नोटो की गिनती जारी है.
जीएसटी विभाग के मुताबिक, पीयूष जैन ओडोकेम इंडस्ट्रीज का मालिक है, जो कानपुर स्थित सुगंधित तंबाकू के निर्माता सहित कई कंपनियों को परफ्यूमरी कम्पाउंड्स की आपूर्ति करता है.
जीएसटी अधिकारियों ने कहा कि यह पैसा फर्जी चालान और बिना ई-वे बिल के जरिये माल निकालने से जुड़ा है. जीएसटी अधिकारियों ने पान मसाला कंपनी की फैक्टरी और गुटखा कारोबारी के ठिकाने पर भी छापेमारी की थी.
जीएसटी अधिकारियों के मुताबिक, बिना ई-वे बिल बनाये फ़र्ज़ी इनवॉइस के जरिये सामान भेजा जा रहा था. फ़र्ज़ी फर्मों के नाम पर ये फ़र्ज़ी इनवॉइस बनाये गए थे. फर्जी कंपनियों के नाम से तैयार किए गए सभी चालान 50,000 रुपये से कम के हैं ताकि ई-वे बिल से बचा जा सके. अधिकारियों ने फैक्टरी के बाहर से 4 ऐसे ट्रक सीज भी किए हैं.
कारोबारी के गोदाम से बिना जीएसटी चुकाए ऐसे 200 फ़र्ज़ी इनवॉइस मिले हैं. फैक्टरी की जांच करने पर कच्चे माल की कमी पायी गयी.
सूत्रों ने कहा कि यह छापेमारी गुरुवार को शुरू हुई और अब तक चल रही है. यह रेड कानपुर के साथ-साथ मुंबई और गुजरात के ठिकानों पर भी चल रही है. पहले यह रेड कर चोरी के मामले में जीएसटी अधिकारियों ने शुरू की थी. लेकिन मामले में कई परतें खुलने के बाद इसमें आयकर विभाग को भी शामिल किया गया.
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कारोबारी से जुड़े सप्लायरों में से एक सप्लायर के घर से बड़ी मात्रा में करीब 150 करोड़ रुपये की नकदी मिली है. भारतीय स्टेट बैंक के अधिकारियों की मदद से नोटों की गिनती की प्रक्रिया चल रही है.