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सोमवार, 18 अक्तूबर 2021

बस्ती के वाल्टरगंज चीनी मिल पर किसानों का 60 करोड़ का बकाया आखिर कब तक रहेगी चुप्पी

सौरभ वीपी वर्मा
बस्ती- उत्तर प्रदेश के बस्ती जनपद के वाल्टरगंज में स्थित बजाज ग्रुप के शुगर मिल पर क्षेत्र के किसानों का लगभग ₹42 करोड़ का बकाया है वहीं अगर कर्मचारियों के पैसे को लेकर की बात करें तो मिल पर करीब ₹60 करोड़ का बकाया है लेकिन ना तो मिल पैसा देना चाह रहा है और ना ही इस मामले पर यहां के सांसद और विधायक चुप्पी तोड़ रहे हैं ।

क्षेत्रीय किसानों एवं मिल कर्मियों द्वारा मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री से लेकर के तमाम जिम्मेदारों को सैकड़ों बार पत्र भेज चुके हैं ,कई बार धरना प्रदर्शन हो चुका है लेकिन वर्ष 2018 में चीनी मिल बंद होने के बाद से आज तक ना तो किसानों का गन्ना बकाया मिल पाया और ना ही इस में कार्यरत कर्मियों को तनख्वाह ।

यह बात सरकार को भी पता है और यहां के सांसद और विधायकों को भी पता है कि किसानों की स्थिति लगातार हाशिए पर जा रही है , क्योंकि किसानों को अपनी फसलों का जो वाजिब दाम मिलना चाहिए अभी तक सरकारों ने दिलवाने का काम नहीं किया वहीं जैसे तैसे करके किसान अपना फसल तैयार कर रहा है लेकिन उसे अपनी फसलों की वाजिब रेट की बात दूर उनकी फसलों का बकाया भुगतान भी मिलने वाला नहीं है ।

किसानों को शादी- निकाह बच्चों के पढ़ाई लिखाई एवं दवाई में कितना खर्च करना पड़ता है इसके समीक्षा ना तो जिला प्रशासन ने किया ना तो सांसदों विधायकों ने किया और ना ही सरकार ने किया बस देश के किसानों का खून चूस कर उन्हें वेंटिलेटर पर डाल दिया जाए यही हमारे देश की सरकार किसानों के साथ कर रही है ।

वर्ष 2018 में वाल्टरगंज चीनी मिल बंद होने के बाद से जिन किसानों का पैसा अभी तक नहीं मिल पाया है उनमें से दर्जनों ऐसे किसानों को देखा गया है जो बिजली का बिल नहीं जमा कर पाने के कारण एवं केसीसी का भुगतान न कर पाने के कारण हवालात तक भी गए हैं लेकिन किसानों के बकाए पर प्रशासन और सरकार द्वारा अभी तक कोई समाधान लाने का काम नहीं किया गया।

उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एलान किया था कि गन्ना किसानों का भुगतान मिलो द्वारा 14 दिनों के अंदर किया जाएगा लेकिन ना तो आज तक 14 दिन के अंदर गन्ना किसानों का भुगतान हो पाया और ना ही पिछली बकाए पर चर्चा हुई लिहाजा किसानों की स्थिति लगातार हाशिए पर जाती हुई दिखाई दे रही है ।

 5 महीने के अंदर उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होना है और इसके मद्देनजर राजनीतिक पार्टियों द्वारा किसानों को ठगने एवं लुभाने के लिए ढेर सारी जुमलेबाजी की जाएगी ।

फिलहाल देखना यह होगा कि भारतीय जनता पार्टी की सत्ताधारी सरकार किसानों का बकाया दिलवा पाएगी या फिर नई सरकार बनने के बाद किसानों का गन्ना भुगतान दिलाने का वादा करेगी ,देखना होगा कि उत्तर प्रदेश के दो पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव एवं मायावती द्वारा उत्तर प्रदेश के किसानों का 12000 करोड़ के गन्ना मूल्य बकाया पर किस तरह का चुनावी वादा किया जाएगा।

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