बस्ती -क्रांतिकारियों के सम्मान में अर्जक संघ ने आयोजित किया विचार गोष्ठी का आयोजन - तहक़ीकात समाचार

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रविवार, 5 सितंबर 2021

बस्ती -क्रांतिकारियों के सम्मान में अर्जक संघ ने आयोजित किया विचार गोष्ठी का आयोजन

 बस्ती. अर्जक संघ की शाखा इकाई बस्ती के द्वारा बाबू जगदेव प्रसाद कुशवाहा के शहीद दिवस पर आर. डी. सरमाउंट इंटरनेशनल स्कूल में विचार गोष्ठी का आयोजन हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता अर्जक संघ के जिलाध्यक्ष रघुनाथ पटेल तथा संचालन राकेश कुमार ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत महापुरुषों के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया।
रघुनाथ पटेल ने जगदेव बाबू के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि जगदेव बाबू पटना विश्वविद्यालय से स्नातक करने के बाद वें शोसलिस्ट पार्टी से जुड़ गए और पार्टी के मुखपत्र 'जनता' का संपादन भी किया। एक संजीदा पत्रकार की हैसियत से उन्होंने दलित-पिछड़ों-शोषितों की समस्याओं के बारे में खूब लिखा तथा उनके समाधान के बारे में अपनी कलम चलायी। 1955 में हैदराबाद जाकर अंग्रेजी साप्ताहिक 'सिटिजेन' तथा हिन्दी साप्ताहिक 'उदय' का संपादन आरभ किया। प्रकाशक से भी मन-मुटाव हुआ लेकिन जगदेव बाबू ने अपने सिद्धान्तों से कभी समझौता नहीं किया। संपादक पद से त्यागपत्र देकर पटना वापस लौट आये और समाजवादियों के साथ आन्दोलन शुरू किया।

बिहार में उस समय समाजवादी आन्दोलन की बयार थी, लेकिन जे.पी. तथा लोहिया के बीच सद्धान्तिक मतभेद था। जब जे. पी. ने राम मनोहर लोहिया का साथ छोड़ दिया तब बिहार में जगदेव बाबू ने लोहिया का साथ दिया। उन्होंने सोशलिस्ट पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को मजबूत किया और समाजवादी विचारधारा का देशीकरण करके इसको घर-घर पहुंचा दिया।जगदेव बाबू ने 1967 के विधानसभा चुनाव में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी  के उम्मीदवार के रूप में कुर्था में जोरदार जीत दर्ज की। उनके अथक प्रयासों से स्वतंत्र बिहार के इतिहास में पहली बार 'संविद सरकार ' बनी तथा महामाया प्रसाद सिन्हा को मुख्यमंत्री बनाया गया।

राष्ट्रीय मंत्री उमेशचन्द ने जगदेव बाबू के द्वारा किए गए सामाजिक कार्यो के बारे में बताते हुए कहा कि बिहार में राजनीति का प्रजातांत्रिकरण को स्थाई रूप देने के लिए उन्होंने सामाजिक-सांस्कृतिक क्रान्ति की आवश्यकता महसूस किया। इसके लिए वें रामस्वरूप वर्मा द्वारा स्थापित अर्जक संघ में शामिल हुए। 7 अगस्त 1972 को शोषित दल तथा रामस्वरूप वर्मा जी की पार्टी 'समाज दल' का एकीकरण हुआ और 'शोषित समाज दल' नामक नयी पार्टी का गठन किया गया। एक दार्शनिक तथा एक क्रांतिकारी के संगम से पार्टी में नयी उर्जा का संचार हुआ। जगदेव बाबू पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री के रूप में जगह-जगह तूफानी दौरा आरम्भ किया। वे नए-नए तथा जनवादी नारे गढ़ने में निपुण थे. सभाओं में जगदेव बाबू के भाषण बहुत ही प्रभावशाली होते थे इसी के दम पर उन्होंने समाज के वंचित तबके की आवाज को बुलंद कर उनका हक अधिकार दिलवाने का काम किया।
कार्यक्रम को पूर्व न्यायाधीश आघाशरण चौधरी, अवधेश मौर्य, कृष्ण कन्हैया वर्मा, रामसेवक, नीरज कुमार वर्मा, गंगाराम, रामप्रकाश पटेल, प्रभाकर पटेल, रामपूरन, रामकेवल निगम, गंगाप्रसाद कनौजिया,लौटन प्रसाद, प्रेमचंद, रामकेश, सतराम, जंगबहादुर यादव , प्रभाकर वर्मा ,बृजेश पटेल आदि ने संबोधित किया। 

कार्यक्रम में सत्येंद्र मानव, श्वेता पटेल, सोनी, सुनील, सुभाष चंद्र, प्रताप कुमार कनौजिया, प्रेम कुमार, सत्यप्रकाश ,राममूरत चौधरी ,रामबहोर चौधरी,आदि लोग उपस्थित रहे। इस दौरान विभिन्न पदाधिकारियों को सम्मानित भी किया गया।

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