बस्ती-निजी स्वार्थ के लिए प्रशासन का इस्तेमाल कर रहे भाजपा जिला अध्यक्ष ,उठ रहे सवाल - तहक़ीकात समाचार

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शनिवार, 25 सितंबर 2021

बस्ती-निजी स्वार्थ के लिए प्रशासन का इस्तेमाल कर रहे भाजपा जिला अध्यक्ष ,उठ रहे सवाल

बस्ती। जनपद में भाजपा के जिलाध्यक्ष अपने कार्यप्रणाली से जनता के बीच अपनी अच्छी छवि को तार-तार करते हुये विगत महीनों में जिला प्रशासन को अपने स्वार्थ को लेकर कठपुतली की तरह नचा रहे है इनके द्वारा अध्यक्ष बनने से पहले ही पत्रकारों के उपर हमला करने वाले जिले के बडे व्यवसाई का साथ देकर पत्रकारों से तो दूरी बना ली थी। लेकिन पद प्राप्त होने के बाद सत्ता के मद में चूर मद मस्त छोटी या बडी घटना हो इनमें इनके हाथ होने की बात सामने आ ही जाती है जिससे इनकी छवि तो खराब हो रही है के साथ पार्टी की छवि खराब कर रहे है।

बताते चले कि प्रेस क्लब के निर्वाचित सदस्यक डा0 वीके वर्मा ने प्रताडित करने की बात प्रेस क्लब के आम सभा की बैठक में प्रेस के सदस्यों अपनी जान माल की गुहार लगाते हुये बताया कि भाजपा अध्यक्ष के सम्बन्धी जो इनके कालेज पढ रहा था फीस न जमा करने पर इनका सर्टिफिकेट रोक दिया गया। जिससे खुन्नक खाये अध्यक्ष द्वारा इनके हास्पिटल पर सीएमओ से कहकर हास्पिटल को सीज करने की बात कहे जाने की बात सामने आई इनके हास्पिटल पर छापा पडा और सब ठीक प्राप्त हुआ कुछ रख-रखाब में कमी पाई गई जिसे ठीक करने की चेतावनी दी गई। इसके बाद जब इनके उपर कोई कार्यवाही न हुई तो इन्होने इनके अन्य स्कूलो व कालेजों पर छापा डलवाया वहॉ भी बात नही बनी तो एक स्कूल में परती जमीन को इनके कब्जे दिखाकर कार्यवाही करने की बात हर्रैया उपजिलाधिकारी को कहा जो उन्होने कार्यवाही की लेकिन रिपोट क्या लिखा समाचार लिखे जाने तक नही आयी थी। डा0वर्मा ने बताया कि हमारा जीवन जनता की सेवा के लिए सर्मित कर दिया है।उन्होने शंका व्यक्त करते हुये कहा अगर एैसा ही चलता रहा तो कभी भी पुलिस द्वारा मुझै किसी न किसी केस में फसा कर जेल डालने का प्रयास भी किया जा सकता है। इस बात को लेकर सभी पत्रकारो ने भाजपा अध्यक्ष के विरूद्ध अवमानना प्रस्ताव पास हुआ। सभी ने कहा कि अगर मामला नही सुलझा तो इनके विरूद्ध विधिक कार्यवाही के साथ लडाई लडी जायेगी।

इतना ही नही भाजपा अध्यक्ष बनने से पहले एक पत्रकार के उपर हमला करने वाले जिले बडे व्यवसाई का साथ देकर सत्ता का लाभ लेकर कार्यवाही न करने का प्रयास किया था लेकिन पत्रकारो के डबास के चलते वहॉ वे सफल नही हुये और मुहकी खानी पडी। और बैक डोर से उनकी जमानत कराई।

इतना ही अध्यक्ष बनने के बाद इनके खास व्यक्ति ने गॉधी नगर में एक मकान की दिवाल तोडकर गेट खोलवाने की बात सामने आई दिवाल तोडते हुये मौके पर कुछ लोग पकडे गये लेकिन इनकी मेहरवानी से वे बच गये इसको लेकर व्यापारियों ने मोर्चा खोला और पत्रकारो के सहयोग से एक महीने से ज्यादा आन्दोलन चला तब जाकर जिला प्रशासन झुका और कुछ अन्य लोगो के उपर मुकदमा दर्ज हुआ। वहॉ भी इनकी न चली। इतने पर ये बस नही हुआ विकास खण्ड बस्ती सदर में पंचायत चुनाव को लेकर दो पक्ष आमने सामने लडाई शुरू होने के मामले में हिन्दू /मुस्लिम कराने का प्रयास किया लेकिन उसमें भी सफलता नही मिली लेकिन पुलिस ने दबाव में आकर एक पक्षीय कार्यवाही कर दूसरे पक्ष के उपर हरिजन बनाम सर्वण का मुकदमा दर्ज करवाने में सफल हो गये। इसी तरह जिले में छोटी बडी घटना में इनके हाथ होने के संकेत मिलते रहते है।

अगर यही हालत रहे तो इनके कार्यप्रणाली से जहॉ एक ओर जनता भाजपा से दूर होती जायेगी और एक दिन एैसा आयेगा कि जिला प्रशासन भी अपना हाथ खडा कर देगा अगर भाजपा के शीर्ष नेताओ द्वारा इनके उपर शिकजा नही कसा तो आगामी चुनाव में इसका खामियाजा भाजपा को भुगतना पड सकता है।


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