सौरभ वीपी वर्मा
यह बेहद चिंताजनक विषय है की आजादी के साढ़े सात दशक बाद भी इस देश की सरकार इस देश के लोगों के लिए 5 किलो अनाज की व्यवस्था बनाकर उनके विकास की पटकथा लिख रही है । सरकार गरीबों को अनाज और एक झोला देकर यह बताने का प्रयास कर रही है कि वह सब गरीब कल्याण योजना चलाकर इस देश से गरीबी खत्म कर रही है। लेकिन सच तो यह है कि 5 किलो अनाज से न तो भूख खत्म होने वाली है ना तो गरीबी ।
गरीबी उन्मूलन की जो भी योजनाएं वर्षों से चली आ रही हैं उसमें सबसे ज्यादा बेहतर कांग्रेस सरकार की योजनाएं रही हैं । कांग्रेस सरकार की देन है की 2005 से लेकर के और 2012 के बीच देश भर में आर्थिक क्रांति पैदा कर दी थी । कांग्रेसी सरकार की ही देन है कि उसने जिस आर्थिक क्रांति को पैदा किया था उस के दम पर एक बड़ी आबादी अच्छा कपड़ा पहनने , अच्छा खाना खाने और साइकिल से उठकर मोटरसाइकिल पर पहुंचने की स्थिति में पहुंचे थे ।
यानी कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में इस देश में सभ्यताओं का दौर बदला है और जब किसी देश में सभ्यता बदलती है तो निश्चित तौर पर उस देश की व्यवस्था में बदलाव आना है और यह काम कांग्रेस की सरकार में हुआ था
वहीं दूसरी तरफ 2014 के बाद केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद से न तो किसी सभ्यता में बदलाव हुआ है और ना ही व्यवस्था में बदलाव हुआ है देखा जाए तो सभ्यता और संस्कार दोनों का पतन हो रहा है ।
जब देश में और अत्याधुनिक संसाधनों का अविष्कार और निर्माण होना चाहिए , विश्वविद्यालय खोले जाना चाहिए ,स्कूल और कॉलेज में मूल्यपरक शिक्षा होनी चाहिए तब यहां सरकार गुंडों को पाल रही है , नौकरी देने की बजाय 300 रुपये की दिहाड़ी पर युवाओं से पार्टी का प्रचार करवा रही है ,धर्म -कर्म के नाम पर बड़ी आबादी को गर्त में डाल रही है । यही भारतीय जनता पार्टी का विकास है । क्योंकि यहां 5 किलो गेहूं और चावल पाकर 80 फ़ीसदी लोग खुश हैं ।