सौरभ वीपी वर्मा
बस्ती- सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों को स्वच्छ बनाने के लिए नाना प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही हैं लेकिन स्थानीय जिम्मेदारों की उदासीनता और धन की बंदरबांट करने की वजह से ग्राम पंचायतों में स्वच्छ भारत मिशन पूरी तरह से फेल दिखाई दे रहा है । ताजा मामला सल्टौआ गोपालपुर ब्लॉक के हसनापुर ग्राम पंचायत की है जहां पर स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्राम पंचायत में सार्वजनिक शौचालय का निर्माण होना था । शासन के मंशा अनुसार ग्राम पंचायत में शौचालय बनकर तैयार होने के बाद गांव के लोगों को समर्पित हो जाना था लेकिन एक वर्ष से ज्यादा वक्त बीत जाने के बाद भी ग्राम पंचायत में बन रहा सार्वजनिक शौचालय अपने उद्देश की तरफ नहीं जा पाया लिहाजा आज भी गांव में सैकड़ों की संख्या में खुले में शौच करने के लिए वहां के नागरिक मजबूर हैं ।
अभी ग्राम पंचायत में बन रहे शौचालय का काम पूरा भी नहीं हो पाया उधर सचिव द्वारा उसके रखरखाव हेतु ₹21000 का भुगतान कर दिया गया ,गांव के निवासी राम आशीष यादव और जलील अहमद ने बताया कि सुबह शाम सैकड़ो की संख्या में महिलाएं ,बच्चियां और अन्य लोग खुले में शौच के लिए जाते हैं लेकिन अभी तक शौचालय का निर्माण कार्य पूरा नही हो सका ग्रामीणों का कहना है कि अधूरे शौचालय पर मानदेय का भुगतान करने से भ्रष्टाचार की प्रबल संभावना दिखाई दे रही है क्योंकि जब अभी शौचालय पर कोई काम नही है तो निश्चित तौर पर इस पैसे का बंदरबांट होना है।
इस संदर्भ में खंड विकास अधिकारी इंद्रपाल सिंह से बात हुई तो उन्होंने कहा कि जब शौचालय अस्तित्व में नही है तो मानदेय का भुगतान नियम विरुद्ध है । उन्होंने संबंधित सचिव से मामले की जानकारी मांग करने की बात कही है।