सौरभ वीपी वर्मा
इलाहाबाद हाई कोर्ट के सामने प्रदेश सरकार ने खुद ही कह दिया कि उसने कोविड-19 के टेस्ट को घटा दिया है , आप गहराई से विचार कीजिए कि सरकार ने हाई कोर्ट के सामने यह बात क्यों कही? इससे स्पष्ट है कि प्रदेश सरकार कोविड-19 को रोकने में पूरी तरह से असफल है ,अस्पतालों में दवाओं और ऑक्सीजन की कमी की पूर्ति नहीं हो पा रही है जिसकी वजह से प्रदेश भर में हजारों हजार की संख्या में लोगों की मौत हो रही है ,कोविड-19 के अलावा मामूली बीमारियों का इलाज अस्पतालों में नहीं मिल पा रहा है जिसके कारण जिला अस्पताल से लेकर ग्रामीण क्षेत्र में बसने वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी अब मौतें होने लगी हैं। और सरकार कोविड-19 टेस्ट को घटा कर यह संदेश दे रही है कि प्रदेश में संक्रमितों की संख्या घट रही है ।
जरा सोचिए नाकाम सरकार कितनी घटिया स्तर पर काम कर रही है जो नागरिकों के हित को दरकिनार कर अपनी सत्ता को बचाने के लिए नाना प्रकार के षड्यंत्र और सिस्टम तैयार कर जनता को मूर्ख बनाने का काम कर रही है ।
शायद आपको इस बात की चिंता नहीं होगी कि गंगा नदी में हजारों हजार की संख्या में लाश से बह रही हैं ,और वह इंसान की लाशें हैं और उन लाशों को चील कौवे खा रहे हैं, आप सोचिए कितनी बदहाली है कि इंसान के मरने के बाद उसके अंतिम संस्कार की व्यवस्था भी हुकूमत नही कर पा रही है।
वो लाशें किसी भी राज्य के निवासियों की हो लेकिन हमें इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि वह लाशें भारत की हैं और भारत के किसी नागरिक की है जो दवाओं के अभाव में ,ऑक्सीजन के अभाव में या फिर अस्पताल में संसाधनों की कमी की वजह से दम तोड़ चुके हैं ।