बीजिंग : चीन की लैब में कोरोना वायरस कोविड-19 को विकसित किए जाने के तमाम दावों के बीच एक दस्तावेज ने दुनिया में हड़कंप मचा दिया है. कोरोना वायरस महामारी के दुनिया को हिलाकर रख देने के कई साल पहले 2015 में चीनी वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा लिखित एक दस्तावेज सामने आया है. इसमें कहा गया है कि चीनी वैज्ञानिक (Chinese Scientists) 2015 में कोरोना वायरस को हथियार की तरह इस्तेमाल करने पर चर्चा कर रहे थे. कोविड-19 (COVID-19) महामारी सार्स कोव-2 (SARS-Co V-2) नाम के कोरोनावायरस के जरिये दिसंबर 2019 में उपजी थी
सार्स (SARS) कोरोना वायरस नए युग का जेनेटिक हथियार बन सकता है, जिसे कृत्रिम तरीके से नया रूप देकर मनुष्यों के लिए उभरते जानलेवा वायरस में तब्दील किया जा सकता है. वीकेंड ऑस्ट्रेलियन (Weekend Australian) की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है. 'अननेचुरल ओरिजन ऑफ सार्स एंड न्यू स्पेसीज ऑफ मैनमेड वायरेस' नाम की जेनेटिक बायोवेपंस की रिपोर्ट में कहा गया है कि तीसरा विश्व युद्ध जैविक हथियारों (biological weapons) के जरिये लड़ा जाएगा. दस्तावेज में खुलासा किया है कि चीनी सेना के वैज्ञानिक सार्स कोरोना वायरस को हथियार की तरह इस्तेमाल करने पर चर्चा कर रहे थे.
यह रिपोर्ट news.com.au पर भी प्रकाशित हुई है. ऑस्ट्रेलियन स्ट्रैटजिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट (ASPI) के कार्यकारी निदेशक पीटर जेनिंग्स ने मीडिया समूह को बताया कि यह रिपोर्ट एक बड़ा सूत्र साबित हो सकती है, जिसको लेकर लंबे समय से संदेह जताया जा रहा है. जेनिंग्स ने कहा, यह बहुत महत्वपूर्ण है. यह स्पष्ट दिखाता है कि चीनी वैज्ञानिक कोरोना वायरस ( coronavirus) के विभिन्न स्ट्रेन को सैन्य हथियार के तौर पर तब्दी करने और इसकी तैनाती को लेकर चर्चा कर रहे थे.