दारू के दम पर बनाया जा रहा चुनाव जीतने का समीकरण, सरकारी दुकानों पर शराब का भंडार खत्म - तहक़ीकात समाचार

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मंगलवार, 27 अप्रैल 2021

दारू के दम पर बनाया जा रहा चुनाव जीतने का समीकरण, सरकारी दुकानों पर शराब का भंडार खत्म

विश्वपति वर्मा (सौरभ)
बस्ती- उत्तर प्रदेश त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भावी प्रत्याशी दारू के दम पर जीत का समीकरण बना रहे हैं। यही वजह है कि चुनाव की घोषणा होते ही शराब की खपत भी बढ़ गई है। आबकारी विभाग की माने तो मार्च की इनकम के सापेक्ष अप्रैल महीने में कमाई 50 फीसदी से ज्यादा तक पहुंच गई है। 

बस्ती जनपद में कुल दुकानों की बात करें तो देशी शराब की 187,अंग्रेजी शराब की 64 एवं बियर की 68 दुकान है (मॉडल शॉप )छोड़कर  जिसमे से अधिकांश दुकानों पर शराब का भंडार खत्म हो चुका है वहीं देशी शराब की बात करें तो हप्ते भर से दुकानों पर शराब खत्म हो गया है वहीं जिन दुकानों पर शराब आ भी रहा है वह देखते ही देखते खत्म हो जा रहा है ।

मतदाताओं में शराब की बढ़ती मांग को देखते हुए प्रत्याशियों का जेब भी भारी हो रहा है । देशी शराब न मिलने की वजह से प्रत्याशी देव तुल्य मतदाताओं को अंग्रेजी की खुराक दे रहे हैं लेकिन अंग्रेजी शराब न मिलने की वजह से अब बियर की तरफ भागना पड़ रहा है जिससे भारी खर्चा भी वहन करना पड़ रहा है।

महंगे दामों में बिक रहा शराब
शराब की बढ़ती मांग को देखते हुए शराब व्यापारियों का भी बल्ले बल्ले है , जनपद के कई हिस्सों से जानकारी प्राप्त हुई है कि सरकारी देशी शराब की दुकानों पर 50 रुपये के हिसाब से 2250 रुपये में मिलने वाला देशी शराब का एक पेटी 3200 रुपये तक में बिक्री हुआ है वहीं दुकानों पर शराब न मिलने की वजह से जहां प्रत्याशी उससे भी अधिक दाम में शराब खरीदने के लिए तैयार हैं वहीं नकली शराब की खपत को भी इंकार नही किया जा सकता है।

शराब के शौकीनों के लिए दो दिन तक और चांदी

शराब के शौकीनों की बात करें तो अभी दो दिनों तक और उनका मौज है क्योंकि उत्तर प्रदेश में चौथे और अंतिम चरण का मतदान 29 तारीख को होना है इसे देखते हुए प्रत्याशी किसी भी हालत में अपने वोटरों को नाराज करना नही चाह रहे हैं जिसके लिए 27 और 28 की रात को प्रत्याशी और उनके समर्थक शराब के शौकीन लोगों के पीछे बोतल लेकर घूमते नजर आएंगे।

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